सीएचसी भोगांव पर कवरेज के दौरान डॉक्टर मोहित चतुर्वेदी ने पत्रकार से की अभद्रता

रिपोर्ट- प्रवीन कुमार
मैनपुरी संदेश महल समाचार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोगांव के डॉक्टर मोहित चतुर्वेदी की कार्यशैली पर लगातार प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।डा मोहित चतुर्वेदी का जनता व मरीजों सहित उनके तीमारदारों के प्रति इनका अभद्र रवैया शौक बन गया है।
बात करते एक ऐसे मामले कि जहां डा मोहित चतुर्वेदी एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र व चैनल के पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने पर भड़क गए और चंद मिनटों में अपना आपा खोते हुए आग बबूला होकर अभद्रता पर उतर आए। इतना ही नहीं मुकदमा लिखवाकर जेल भिजवा देने की धमकी दे डाली,इतने पर भी जब गुस्सा शांत नहीं हुआ तो तत्काल हॉस्पिटल से बाहर निकल जाने का आदेश दे डाला।

भोगांव अस्पताल में घायल व्यक्ति

बताते चलें कि मामला कुछ इस तरह हुआ
थाना क्षेत्र भोगांव अंतर्गत नगला मधु निवासी वीरेंद्र सिंह व गांव के ही कुछ अराजक तत्वों द्वारा हुई मारपीट में गंभीर चोटें आई, पुलिस ने मेडिकल हेतु पीड़ित को सीएचसी भोगांव भेजा गया।जिसकी जानकारी मिलने पर एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के पत्रकार ने सूचना कबरेज हेतु सीएचसी भोगांव पहुंचा, और स्ट्रेक्चर पर पड़े घायल की तस्वीर खींची इतना देखते ही डॉ मोहित चतुर्वेदी
भड़क गए और पत्रकार को अपना रुतबा दिखाते हुए अपशब्दों पर उतर आए यहां तक कि अस्पताल से निकल जाने की धमकी तो दी ही साथ ही मुकदमा दर्ज कराने का भी रौब जमाते हुए फर्जी तरीके से किसी न किसी केस में फंसाने की धमकी भी दे डाली।
मौके की नजाकत को देखते हुए पत्रकार ने समझाने की कोशिश की किंतु अभद्रता के आदी डा मोहित चतुर्वेदी के सिर उपर से पत्रकार की सभी बातें निकलती गई।
मामले को लेकर पत्रकार ने जिसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी मैनपुरी को बातौर मोबाइल काल से सूचना देकर अवगत कराया है।
बताते चलें कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पीएम और सीएम ने भी ऐलान किया है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000- का जुर्माना और पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है कम से कम 3 साल की जेल की सजा ,पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज कर करवाई की जाएगी।पत्रकारों से बदसलूकी पड़ सकती है भारी, बदसलूकी करने पर चाहे पुलिस हो या आम जनता सभी पर एफआईआर दर्ज कर सबको सजा मिलेगी। सही समय पर निराकरण न मिलने पर एसपी/एस एस पी जैसे बड़े अधिकारियों पर भी चल सकता है मुकदमा। पत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिया है कि पुलिस आदि पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना करे।
प्रेस काउन्सिल ने देश के केबिनेट सचिव, गृह सचिव, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस सम्बन्ध में निर्देश भेजा है और उसमें स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख करते हुए कहा है की ,पत्रकारों के साथ पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की हिंसा बर्दाश्त नही की जायेगी।