अवैध रूप से संचालित श्री कृष्णा पॉलीक्लिनिक नर्सिंग होम स्वास्थ्य महकमा बना अनजान

रिपोर्ट/- जेपी रावत बाराबंकी संदेश महल समाचार

ब्लॉक सूरतगंज क्षेत्र में अनगिनत संख्या में अवैध हॉस्पिटल अवैध नर्सिंग होम और अवैध क्लीनिक खुलेआम चलाए जा रहे हैं। यहां तक की अवैध नर्सिंग होम में मेडिकल स्टोर तक स्थापित है। और मरीजों को एडमिट करने की भी सुविधा इन अवैध हॉस्पिटलों में मौजूद है। जो बेखौफ अवैध नर्सिंग होम संचालित किये जा रहे हैं।नर्सिंग होमों पर विभिन्न प्रकार के डॉक्टरों की डिग्री बोर्ड पर अंकित हैं। मगर मौके पर कम पढ़े लिखे और झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम बैठकर प्रैक्टिस करते हैं। कई नर्सिंग होम पर डॉक्टर बनकर बैठे हुए हैं। जब डिग्री के बारे में पूछा गया तो कोई भी झोलाछाप सही से जानकारी नहीं दे पाया। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्षेत्र पर इस प्रकार से अवैध और बड़े नर्सिंग होम खोलकर झोलाछाप मरीजों की जिंदगीयों के साथ में खिलवाड तो करते ही हैं। साथ ही उनका आर्थिक रूप से बड़े पैमाने पर शोषण भी करते हैं।
अब बात करते हैं श्री कृष्णा पॉलीक्लिनिक की जिसके संचालन का पता निकट इंडियन पेट्रोल पंप सूरतगंज फतेहपुर रोड बाराबंकी दर्शाया गया है। साथ ही बड़ी बड़ी डिग्री धारकों में डाक्टरों में एके वर्मा एम बी बी एस, डॉ पीके यादव बीए एम एस, मैनेजर डॉ एक्स हिमांशु वर्मा, बीएससी डी फार्मा,वाइस मैनेजर डॉ एके सिंह यादव, पीआरओ मास्टर सुनील वर्मा, क्षेत्रीय मैनेजर मनोज पाण्डेय, सहित चौबीस घंटे इमरजेंसी सेवा उपलब्ध के अलावा आक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध का दावा किया गया है। इतना ही नहीं नॉरमल प्रसव डिलीवरी, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ, सभी प्रकार के हड्डी रोग से संबंधित सफल इलाज, हाइड्रोसील का ऑपरेशन व सफल इलाज किया जाता है। बावशीर का इलाज व ऑपरेशन भी किया जाता है सभी प्रकार के रोगों का सफल इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया जाता है। इतनी उपलब्धियों के अलावा यह भी बताया गया है कि हमारे यहां बच्चेदानी की गांठ व लिकोरिया सफेद पानी का सफल इलाज किया जाता है।

आखिर वास्तविकता क्या है- हकीकत पर एक नजर

श्री कृष्णा पॉलीक्लिनिक के संचालन क्रम में तीन कमरे जिसके एक कमरे में डाक्टर के बैठने की व्यवस्था दूसरे कमरे में दो बेड गंदी चद्दर पास पड़ी एक छोटी कुर्सी, उसके बगल बेंच, तीसरे कमरे में, दवाइयों की व्यवस्था। कुछ इस तरह से है इस नर्सिंग होम की चाक चौबंद व्यवस्था कुछ इस तरह की है जहां पर गिनाई गई बीमारियों का इलाज किया जाता है।

बाहर बोर्ड कुछ इस तरह


यह है प्रचार प्रसार की व्यवस्था


बाहरी गेट पर सुनहरे अक्षरों में लोगों को गुमराह कर रहा यह बोर्ड है। इस प्रकार से भव्य रूप से अवैध नर्सिंग होम चलाए जा रहे हैं।

क्या है नियम

नर्सिंग होम खोलने के लिए कौन से लाइसेंस की आवश्यकता है और उनकी प्रक्रिया

स्वास्थ्य देखभाल देश के प्रत्येक नागरिक की मूलभूत आवश्यकता और अधिकार है। नर्सिंग होम डॉक्टरों, नर्सों के साथ-साथ अन्य चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा सहायता प्राप्त इस स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए मंच बनाते हैं।

भारत में नर्सिंग होम खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंस की आवश्यकता होती है। नैदानिक ​​स्थापना अधिनियम (पंजीकरण और विनियमन) अधिनियम, 2017 के अनुसार पंजीकरण यह अधिनियम केंद्र सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया था और भारत के राज्यों द्वारा अपनाया जा रहा है। इसे एक नर्सिंग होम के रूप में संचालित करने के लिए एक परिसर के लिए एक बार पंजीकरण की आवश्यकता है। पंजीकरण संबंधित राज्य सरकार के माध्यम से किया जाना आवश्यक है जिसने इस अधिनियम को लागू किया है। पंजीकरण के लिए, नर्सिंग होम को उस श्रेणी के तहत न्यूनतम आवश्यकता को पूरा करना चाहिए जिसमें वह आता है। प्रत्येक राज्य ने अपने क्षेत्र में आने वाले नर्सिंग होम के पंजीकरण की प्रक्रिया का वर्णन किया है।

 नर्सिंग होम का पंजीकरण

प्रत्येक राज्य का अपना नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम होता है। अधिनियम भवन, कर्मचारियों, उपकरणों और नर्सिंग होम द्वारा पूरा किए जाने वाले कुछ दिशानिर्देशों के लिए न्यूनतम आवश्यकता प्रदान करता है।भारत में नर्सिंग होम शुरू करने के लिए जिन लाइसेंसों की आवश्यकता होती है।

भूमि और निर्माण

नर्सिंग होम केवल गैर-कृषि भूमि पर स्थापित किया जा सकता है जिसका उपयोग किया जा सकता है। किसी भी नर्सिंग होम को शुरू करने से पहले कई अनुमोदन, साथ ही स्थानीय प्राधिकरण और सरकार से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की जानी चाहिए ।

बिजली और पानी

एक नर्सिंग होम को प्रतिदिन प्रति बिस्तर लगभग 100 लीटर पानी की आवश्यकता होती है लेकिन यह विभिन्न नर्सिंग होम से भिन्न होता है। पानी के साथ-साथ बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संबंधित प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है।

सीवेज

अपशिष्ट के निपटान के साथ-साथ जल निकासी प्रणाली जिसमें टैंक, पाइपलाइन आदि शामिल हैं, के लिए सुनियोजित स्वच्छता उपाय और स्थानीय अधिकारियों से अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए।

बायोमेडिकल वेस्ट

नर्सिंग होम में जैव-निपटान कचरे के निपटान के लिए एक भस्मक होना चाहिए, उदाहरण के लिए, शरीर के अंग या ऊतक। एक नर्सिंग होम इतनी लागत वहन करने में सक्षम नहीं है और इसे न्यूनतम स्थान और अतिरिक्त मशीनरी प्रतिष्ठानों की आवश्यकता होती है जो नर्सिंग होम की स्थापना के लिए महंगे हैं। इस तरह के कचरे को हटाने के लिए स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति की आवश्यकता होगी और यह पड़ोसी स्थान पर रहने वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए।

आग और स्वास्थ्य लाइसेंस

नर्सिंग होम के भीतर सभी बिस्तरों और उपकरणों की स्थापना के बाद एक नर्सिंग होम के साथ-साथ स्थानीय प्राधिकरण से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के लिए अग्निशमन विभाग की स्वीकृति आवश्यक है। नर्सिंग होम के लिए अग्निशमन विभाग से एक एनओसी की भी आवश्यकता होगी और यह नर्सिंग होम प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह यह साबित करे कि नर्सिंग होम से कोई नुकसान या जीवन की हानि नहीं होगी और स्थानीय प्राधिकरण परिषद से प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

कर्मचारियों के नियोजन से संबंधित विनियम

कर्मचारियों (डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट) को उचित साख के बाद ही रोजगार

कार्यस्थल पर महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न की रोकथाम

कार्यबल की सुरक्षा के लिए नियोक्ता की जिम्मेदारी

कर्मचारियों के नियोजन को नियंत्रित करने वाले नियम

व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों से कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए टीकाकरण/अन्य उपाय।

साइन बोर्ड

आकार, सामग्री के साथ-साथ साइनबोर्ड के लिए सही जगह के नियम (आईएमसी विनियम 2002)

नर्सिंग होम में प्रदर्शित की जाने वाली आवश्यक जानकारी हैं।

नगर निगम के अधिकारियों के पास नर्सिंग होम के पंजीकरण का प्रमाण पत्र

आईएमसी/एसएमसी पंजीकरण प्रमाणपत्र (आईएमसी विनियम, 2002)

परामर्श के साथ-साथ अन्य प्रक्रियाओं/सेवाओं के लिए शुल्क (आईएमसी विनियम 2002)

क्लिनिक का समय, बंद दिन

रसोई के संचालन के लिए FSSAI लाइसेंस

यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के अंतर्गत आता है। लाइसेंस आवश्यक है यदि नर्सिंग होम रोगियों के साथ-साथ परिचारकों के लिए घर में रसोई चलाता है ।

एलपीजी सिलेंडर स्टोर करने की अनुमति 

यदि नर्सिंग होम, नर्सिंग होम की रसोई या किसी अन्य उद्देश्य में उपयोग के लिए बड़ी मात्रा में एलपीजी सिलेंडर का भंडारण करता है, तो उसे पेट्रोलियम अधिनियम, 1934 के तहत विस्फोटक नियंत्रक से परमिट लेना होगा।

चिकित्सा दुकान के लिए फार्मेसी पंजीकरण आदि।

किंतु जनपद बाराबंकी के सूरतगंज क्षेत्र में बेखौफ नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। इतना ही नहीं मरीज व स्वजनों के साथ मनमानी भी की जाती है। लेकिन अभी तक कार्रवाई किसी पर नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जो क्लीनिक और नर्सिंग होम नियमों और शर्तों की पूर्ति नहीं करते हैं, निरीक्षण करने के दौरान संबंधित टीम सख्त रुख अख्तियार तो करती है लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए। आखिर अब देखना है कि इस नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य महकमा कौन सी कार्रवाई करता है।

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