रिपोर्ट/- प्रताप सिंह मथुरा संदेश महल समाचार
एक समय पूरे उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड में चर्चा का विषय बन चुका मथुरा ज़िले के तिलकागढ़ी स्थित राधा-कृष्णा इण्टर कालेज अब पूर्री तरह से खंडर हो चुका है। अजीव बात यह है कि ना ही तो प्रशासन का और ना ही ग्राम वासियों का इसकी बदहाल स्थिति की तरफ़ कोई ध्यान जा रहा है।
ग़ौरतलब है कि ग्रामीण इलाक़े में शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए इस स्कूल की स्थापना करने की योजना मूर्त रूप लेने से पहले ही दम तोड़ चुकी है। इस योजना के तहत सर्व समिति की बैठक के अहम फ़ैसले के अनुसार, मथुरा जिले के तिलकागढ़ी गाँव के समीप कई दशकों पहले स्कूल का भव्य भवन बनाया गया। मगर जिन आगामी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए इस स्कूल का निर्माण किया गया उसका लाभ छात्र-छात्राओं को योजना के मुताबिक़ कदापि नहीं मिला।
आलम यह है कि हमारे बुजुर्गों की वर्षों की मेहनत से करोड़ों रुपये से बनाया गया यह स्कूल भवन अब पूरी तरह से खंडहर हो चुका है। हम आप को बता दें कि अनेकों गाँव की संयुक्त बैठक में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए वर्षों पहले यह फ़ैसला लिया गया कि गाँव में शिक्षा के स्तर को ऊँचा करने के लिए और ग्रामीण बच्चों के सुनहरे भविष्य की बुनियाद रखने के लिए किसी अधिक जनसंख्या वाले बड़े गाँव के नज़दीक एक शैक्षिक संस्थान का शिलान्यास किया जाए।
और योजना के मुताबिक़ ऐसा हुआ भी कि तिलकगढ़ी में सड़क के पास वर्षों पहले एक आलीशान भवन का निर्माण किया गया जो कुछ समय तक लड़खड़ाती अवस्था में चला ज़रूर लेकिन समय के अनुरूप इसकी रणनीतियों में बदलाव न होने के कारण परिणाम यह हुआ कि इसकी हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही है और इसके ऊपर ना तो कोई प्रशासन ध्यान दे रहा है ना कोई शिक्षा विभाग।