गोवंशों को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित नहीं रखने में संजीदा

रिपोर्ट
सूर्य प्रकाश मिश्र
सीतापुर संदेश महल समाचार

शासन के आदेशों के बाद जिले में आवारा मवेशियों की हाईवे व शहर में जगह-जगह पर मौजूदगी से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है।तमाम लोगों को चोट भी खा चुके हैं। गांवों में किसानों की फसलों का नुकसान तो हो ही रहा है। झुंड में गोवंश खेतों में जाकर चंद समय में फसल चट कर जाते हैं। इससे किसान आहत हैं। जिम्मेदार गोवंशों को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित रखने में संजीदा नहीं हैं।
शासन ने आवारा गोवंशों को गोशाला एवं गोआश्रय स्थलों में रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। इनके संरक्षण के लिए प्रति गोवंश निर्धारित धनराशि भी दी जा रही है। गोआश्रय स्थलों के निर्माण पर बड़ी धनराशि खर्च की गई है। अफसरों को इनके सुचारु संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। शहर में ईओ एवं ब्लाक स्तर पर बीडीओ व पशु चिकित्साधिकारी समेत अन्य जिम्मेदारों को छुट्टा घूम रहे गोवंशों को आश्रय स्थलों में संरक्षित करने की जिम्मेदारी है। बावजूद सुधार नहीं हो रहा है।
दिल्ली हाईवे,सिधौली तहसील,सिधौली से अटरिया तक आदि स्थलों पर गोवंशों का जमावड़ा रहता है। गड़ियाहसनपुर, सहजनपुर मोड़, मुजफ्फरपुर के पास इसी कारण पूर्व में कई वाहन क्षतिग्रस्त होने के साथ ही कई को चोटें लग चुकी हैं। इसी प्रकार कमलापुर कस्बा में सिंह ढाबा एवं एचके पेट्रोल पंप पर छुट्टा गोवंशों की काफी संख्या में मौजूदगी रहती है। इससे कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ गोवंश भी घायल हो चुके हैं।
शहर में ट्रांसपोर्ट चौराहा, हरदोई चुंगी, बस स्टॉप, पुलिस लाइन, बहुगुणा चौराहा, लाल कपड़ा कोठी, मन्नी चौराहा, सिटी स्टेशन, उजागर लाल इंटर कालेज, मुख्य बाजार, ग्रीकगंज में गोवंश घूमते रहते हैं। इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार बाइक सवार लोगा गिरकर चोट खा चुके हैं। सरोजनी वाटिका के गेट के सामने पूर्व में एक सांड़ ने बुजुर्ग के पेट में सींग डालकर पटक दिया था। इससे उसकी मौत हो गई थी।
कई अन्य घटनाएं भी हो चुकी हैं। गांवों में गोवंशों के झुुंड फसलों को चट कर रहे हैं। इससे किसान परेशान हैं। वह पशुओं को पकड़कर गोआश्रय स्थलों में ले जाते हैं। वहां इन्हें रखा नहीं जाता है। इस तरह के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं।

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