जब जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होता तब रामकथा सुनने का बनता है संयोग

रिपोर्ट
मुकेश कुमार यादव
सिरौलीगौसपुर संदेश महल समाचार

जब परमात्मा प्रकट होते है तो वे वेदों के द्वारा ही जाने जाते हैं। वेद सम्मत परमात्मा जब दशरथ पुत्र राम के रूप में प्रकट हुए तो वेदों ने रामायण के रूप में अवतार लिया। सिहाली के ग्राम करिमाबाद सैदनपुर में प्रारंभ सप्त दिवसीय रामकथा के आरंभ में लखनऊ से पधारे कथा व्यास चंद्रशेखर यादव रामकथा को विस्तार देते हुए कहा कि महर्षि बाल्मीकि ने देववाणी संस्कृत में रामायण की रचना की है। ऐसी मान्यता है।बाल्मीकि ने कलयुग में संत तुलसीदास के रूप में जन्म लेकर लोकभाषा में राम चरित मानस की रचना की तुलसीकृत रामायण में भगवान शंकर राम के सर्वोत्तम प्रेमी है। स्वयं माता सती ने पार्वती रूप में अपना संदेह दूर करने के लिए भगवान शंकर से रामकथा सुनी। सती द्वारा भगवान राम की परीक्षा लेने का वृतांत सुनाते हुए कहा कि कभी भी अपने से बड़ों की परीक्षा नहीं लेना चाहिए यह सती परीक्षा का संदेश है। रामकथा महामोह रूपी महिषासुर को मारने वाली है राम कथा चंद्रकिरण के समान शीतलता प्रदान करने वाली है।भ्रम और भक्ति में संदेह दूर करने का सर्वोत्तम उपाय दीर्घकाल तक रामकथा श्रवण करना है। रामकथा जीवन मुक्त विषयी साधक और सिद्ध सभी को इच्छित फल प्रदान करती है। रामकथा यमदूतों के मुख पर कालिख पोतने वाली जीवन मुक्ति देने वाली काशी के समान है। महाराज ने रामकथा की तुलना पुण्य सलिला गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा और मंदाकनी से की है। रामकथा की महिमा बताते हुए कहा कि रामकथा कामधेनु है। रामकथा सुनने के अधिकारी श्रद्धालु मनुष्य ही है। रामकथा सठ, हठी, कामी, क्रोधी को नहीं सुनाना चाहिए। जब जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होता है तब रामकथा सुनाने और सुनने का संयोग बनता है। रामचरित मानस सरोबर के समान है। वेद पुराण अल्प ज्ञानियों के लिये खारे जल के समान है। साधु महात्मा इसे मीठे जल के रूप में सर्व ग्राही बना देते है। रामकथा याज्ञ बल्लभ ने महर्षि भारद्वाज को सुनाया शंकरजी ने सती के साथ अगस्त मुनि राम कथा सुनी रामकथा रसिक शंकर कागभुसुंड से हंस बनकर सुनी। कथावाचक प्रवेश कुमार यादव ने सती प्रसंग सुनाते हुए दक्ष प्रजापति यज्ञ विध्वंश तथा सती के शरीर के इक्कावन खंडो के भारतवर्ष जगह-जगह गिरने पर शक्तिपीठो की स्थापना की जानकारी दी। रामकथा महिमा का वर्णन किया। इस अवसर पर कथा श्रोत्राओं में पुजारी बाबा रामसनेही दास,विनोद कुमार चौहान, राम सहारे यादव,राधेश्याम यादव,सुनील कुमार यादव (मामा)भूपेंद्र यादव,विक्की,दिनेश कुमार,पवन कुमार,अशोक यादव(अध्यापक)राम कैलाश प्रधान,रामप्रताप चौहान,चंद्रशेखर आजाद एडवोकेट,मनोज कुमार चौहान(एडवोकेट) सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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