पत्नी के बुलाने पर पति पहुंचा ठिकाने पर वही से हुआ गायब पतिराम परेशान

 

रिपोर्ट
जेपी रावत/अजय सिंह
बाराबंकी संदेश महल समाचार

पति-पत्नी के रिश्तों में जब दरार आती है, तो सबसे पहले किसका दिल कठोर हो जाता है?
कहना मुश्किल है कि विच्छेदित होते रिश्ते में कौन पहले कड़वाहट मन में पालने लगता है।
लोहा सौ चोट खाने के बाद टूटता है लेकिन ये कैसे साबित हो कि किस चोट से लोहा टूटा? क्या आखिरी चोट? अगर हां, तो फिर पिछले निन्यानवे चोट का कोई योगदान नहीं। ऐसे हीं रिश्ते में होता है।

गायब सुरेन्द्र कुमार

हर एक कड़वाहट रिश्ते को और कमजोर बनती है। जो जितना अधिक सकारात्मक रहेगा, उसके विपरीत वाला इंसान कठोर होता चला जाता है। असल में कठोरता एक शुरुवात होती है, रिश्ते के टूटने की दिशा में आगे बढ़ने की। और एक बार यह शुरुवात हों जाय तो फिर इसे बचाना मुश्किल होता है। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी में सामने आया।

प्रतीकात्मक चित्र

रिश्तों की दरार में इनकी हकीकत कुछ इस तरह से है। बात करते हैं सुरेंद्र पुत्र पतिराम उम्र लगभग 25 वर्ष ग्राम पंचायत अमोली कीरतपुर थाना रामनगर जिला बाराबंकी निवासी जो लखनऊ जिसका में रहकर मजदूरी का काम करता था। जिसका विवाह थाना मोहम्मदपुर खाला जिला बाराबंकी के ग्राम रिछली से लगभग 4 वर्ष पूर्व हुआ था।लेकिन ससुराल से सुरेंद्र की अनबन हो गई थी। जिसके कारण पत्नी मायके में ही रह रही थी। इसी दौरान सुरेंद्र की पत्नी सुमन ने पति पर दहेज प्रथा का मुकदमा भी दायर किया।जो विचाराधीन हैं। किंतु रिस्तो में कुछ कड़वाहट कम हुई तो आपस में मिलना जुलना बढ़ गया। बताया जाता है कि इसी दौरान सुमन पति को बुलाकर खर्चा ले लिया करती थी। परिजनों के अनुसार सुमन लखनऊ जाकर अपने पति सुरेंद्र की देख रेख और पता ठिकाना करके लौट आई थी।सुमन ने अपने भाई अमित को व अपने बहनोई संजय ग्राम दरवेशपुर थाना बदोसराय को लखनऊ भेज कर अपने पति के साथ मजदूरी करवाने लगी। विगत 22 जून को पत्नी सुमन ने अपने पति को बहाने से मिलने के लिए फतेहपुर जिला बाराबंकी बुलाया।पति सुरेंद्र जब लखनऊ से फतेहपुर की आने की तैयारी की।तब उनके सहयोगी घनश्याम सोनी ने सुरेंद्र से पूछा कि कहां जा रहे हो। तब सुरेंद्र ने बताया कि पत्नी सुमन व साला अमित वह साढू संजय व ससुर रामदास ने हमको फतेहपुर मिलने के लिए बुलाया है।यह कहकर सुरेंद्र फतेहपुर के लिए निकल लिया। लेकिन सुरेंद्र वापस लखनऊ नहीं पहुंचा। समय कई दिन बीत जाने के बाद घनश्याम ने फोन से संपर्क करना चाहा तो मोबाइल स्विच ऑफ होने के कारण बात नहीं हो पाई।घनश्याम ने घर वालों को खबर दिया।कि ऐसी ऐसी बात सुरेंद्र कह कर फतेहपुर गए थे ।वापस नहीं लौटे। परिजन काफी परेशान हैं खोजबीन किया किन्तु कहीं पता नहीं चल सका। सुरेन्द्र के अचानक गायब होने के कारण लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं।

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