परमा एकादशी का महत्व

 

वेद विभूषण सन्देश जी
अयोध्या संदेश महल समाचार

अधिक मास की अंतिम एकादशी आज 13 अक्टूबर को है। इसे परमा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी आश्विन मास की कृष्ण पक्ष को आती है। सनातन धर्म में एकादशी का महत्व बहुत ही विशेष होता है। मान्यता है कि सभी व्रतों में एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा फल देने वाला होता है।अधिक मास की अंतिम एकादशी होने के चलते इसका महत्व अत्यधिक हो जाता है। इस मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। ऐसे में इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

परमा एकादशी का शुभ मुहूर्त

हृषिकेश पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 12 अक्टूबर को 11 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है। यह 13 अक्टूबर को दोपहर 10बजकर 05 मिनट तक रहेगी। ऐसे में यह मङ्गलवार को सूर्योदयकालीन होने से व्रत 13 अक्टूबर को ही किया जाएगा। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व ही करना करना चाहिये।

अधिकमास में विष्णु जी की पूजा का महत्व

यह एकादशी अधिक मास में आ रही है। इस व्रत में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा किए जाने से भक्तों को हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति दुर्लभ सिद्धियां, सौभाग्य और धन व् सतैश्वर्य को प्राप्त करता है।अत्यंत दुर्लभ सिद्धियों के कारण इसे परमा एकादशी कहा जाता है।

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