जयप्रकाश रावत
फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) संदेश महल
भारत में मंदिरों की परंपराएं और मान्यताएं अपनी विविधता के लिए जानी जाती हैं, लेकिन फिरोजाबाद जनपद के बिलहना गांव में स्थित एक ऐसा मंदिर है, जो अपनी अनूठी परंपरा के कारण चर्चा में है। इस मंदिर में हलवा, चना के साथ प्रसाद में मुर्गी का अंडा भी चढ़ाया जाता है। यह परंपरा न केवल चौंकाने वाली है बल्कि भक्तों की अटूट आस्था की मिसाल भी है।
हर साल वैशाख मास की अष्टमी को यहां एक विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस वर्ष सोमवार को आयोजित मेले में उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचे।
संतान प्राप्ति की आस्था से जुड़ा है मंदिर
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बाबा नगरसेन के इस मंदिर में विशेष रूप से संतान प्राप्ति और बच्चों की सलामती के लिए पूजा की जाती है। जिन दंपतियों को संतान नहीं होती, वे यहां आकर मन्नत मांगते हैं। वहीं, जिनके बच्चे अस्वस्थ रहते हैं, वे भी उनकी रक्षा के लिए बाबा से प्रार्थना करते हैं।
दो देवताओं की होती है पूजा
मंदिर में दो प्रमुख देवता पूजित हैं — बाबा नगरसेन और उनके सहयोगी बाबा भूरा मसान (सैयद बाबा)। सेवादार जगन्नाथ दिवाकर के अनुसार, बाबा नगरसेन शाकाहारी हैं, इसलिए उन्हें हलवा, पूड़ी और बतासे का भोग लगाया जाता है। वहीं, बाबा भूरा मसान को अंडा अत्यंत प्रिय है, इसलिए उनके भोग में अंडे शामिल किए जाते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और गांव की आस्था में रची-बसी है।
चमत्कार की कहानी से जुड़ी है स्थापना
कहा जाता है कि वर्षों पहले एक ग्रामीण का पुत्र एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित था। जब कोई इलाज काम नहीं आया, तब वह उसे नगरसेन बाबा के मंदिर लाया। यहां पूजा के बाद बालक चमत्कारिक रूप से स्वस्थ हो गया। इसके बाद ग्रामीण ने मंदिर बनवाने का संकल्प लिया और तब से यह स्थल आस्था का केंद्र बन गया।