रिपोर्ट
रमेश कुमार तिवारी/ जेपी रावत
प्रयागराज संदेश महल समाचार
माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर बृहस्पतिवार को पुण्य की मौन डुबकी लगाने के लिए दो दिन पहले ही भीड़ पहुंचने लगी है।मेला क्षेत्र की सड़कों पर संतों-भक्तों की खचाखच भीड़ उमड़ने लगी। इसके साथ ही संगम रेती पर झोला, गठरी लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। मौनी अमावस्या पर भीड़ के अनुमान को देखते हुए गंगा के दोनों तटों पर आठ हजार फुट लंबे घाट बनाए गए हैं।
मौनी अमावस्या पर इस बार दो दिन पहले से ही भीड़ के आने का सिलसिला आरंभ हो गया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए माघ मेला के तीसरे और सबसे बड़े स्नान पर्व पर मौन डुबकी के लिए इस बार 8000 फुट लंबे घाट बनाए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। इसके लिए गंगा के दोनों तटों पर बने स्नान घाटों पर सर्कुलेटिंग एरिया भी बढ़ा दिया गया है। इसमें संगम नोज पर स्नानार्थियों की सुविधा के लिए लगभग 650 फुट और काली मार्ग, त्रिवेणी मार्ग के अलावा खाक चौक में बने घाटों पर औसतन 300 फुट चौड़ी सर्कुलेटिंग एरिया की बना दी गई है।
देश के कोने-कोने से मौनी अमावस्या पर आने वाले श्रद्धालुओं के अनुमान को देखते हुए हर घाट पर पर्याप्त संख्या में चेजिंग रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कपड़े बदलने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने मौनी अमावस्या स्नान पर्व की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने मेला क्षेत्र को पॉलिथीन फ्री बनाने के लिए अफसरों को हिदायत दी। इस स्नान पर्व पर साफ -सफाई के लिए 175 सफाई कर्मियों की टीम लगाई गई है। अतिक्रमण हटाने के साथ ही अवैध दुकानें न लगने देने का भी निर्देश दिया गया। साथ ही मेला क्षेत्र में फागिंग कराने के लिए भी कहा गया। इस समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त रवि रंजन, एडीएम सिटी,अशोक कनौजिया,पुलिस अधीक्षक माघ मेला डॉ राजीव नारायण मिश्रा, पुलिस अधीक्षक क्राइम आशुतोष मिश्रा, पुलिस अधीक्षक प्रोटोकॉल कुलदीप सिंह, सीएमओ डॉ प्रभाकर राय, प्रभारी मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी उपस्थित थे।
मौनी अमावस्या पर सुगम यातायात का खाका खींच लिया गया है।आधी रात को हर्षवर्धन चौराहे से वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रवेश बंद कर दिया गया। एसपी मेला राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रवेश के लिए सिर्फ जीटी जवाहर मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा। निकास हर्षवर्धन मार्ग से होगा।
माघ मेले में मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर संतों, भक्तों और कल्पवासियों को स्वच्छ गंगा की धारा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए गंगा में एक बूंद भी नालों का गंदा पानी न गिरने देने की हिदायत दी गई है।