संदीप शुक्ला
महादेवा बाराबंकी संदेश महल समाचार
सुप्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ स्थल लोधेश्वर महादेव में चल रहे श्रावण अधिक मास (मलमास )का अंतिम दिन 16 अगस्त को रहा, प्रत्येक 3 साल के बाद अधिक मास आता है इसे पृषोत्तम मास भी खा जाता है श्रावण अधिक मास में पालथी पूजन (मिट्टी का शिवलिंग) का विशेष महत्व है, पुरोहित गण 1 माह तक मिट्टी का शिवलिंग पालथी बना कर विधि विधान से स्थापना कर पूजा पाठ करते है फिर उस शिव लिंग को बहते हुए जल में विसर्जन कर दिया करते है, अपने आराध्य देवों के देव महादेव का जलाभिषेक कर पूजा पाठ का अनुष्ठान किया करते हैं,एक महीने तक जलाभिषेक कर के परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही जिससे पूरा मेला क्षेत्र शिवमय में नजर आ रहा था हर तरफ हर हर बम बम बम बम भोले ध्वनि के साथ अपार जनसमूह लाखों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर मनवांछित फल का आशीर्वाद लिया जो श्रद्धालु एक मास निरंतर लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते हैं वह अंत में भगवान भोलेनाथ को एक माह के 30 पुआ चढाने की परंपरा का विधान है जो माह के अंत में चढ़ाए जाते है उसके पश्चात सभी श्रद्धालु जो मास पर्यंत जलाभिषेक करते हैं वह हवन इत्यादि कर ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर भोजन कराते हैं, एक दिन पहले स्वतंत्रता दिवस का अवकास होने की वजह से जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ रही,अभी 15 दिनों तक श्रद्धालुओं के द्वारा जलाभिषेक चलता रहेगा क्योंकि शुद्ध श्रावण मास के दो सोमवार होने बाकी है जो पूर्णिमा रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा,तब तक निरंतर जलाभिषेक चलता रहेगा