अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत ग्राम पंचायत परमानंदपुर में हो रही चरितार्थ

रिपोर्ट
रमेश कुमार तिवारी
प्रयागराज संदेश महल समाचार

उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज अंतर्गत विकास खंड बहरिया की ग्राम पंचायत परमानन्दपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में खुलेआम नियमो की अवहेलना की गई है, न तो खुली बैठक कराई गई न सोशल आडिट छः माह से लगातार शिकायतों का सिलसिला अनवरत ग्रामीणों द्वारा जारी है। किंतु अधिकारी शिकायतों को नजरंदाज कर रहे हैं।

शिकायतों का समुचित समाधान के बजाय अपात्र को धन आवंटन भी कर दिया गया है।
जबकि स्थिति यह है कि दर्जनो आनलाइन एवं लिखित शिकायत खण्ड बिकास अधिकारी, मुख्य बिकास अधिकारी को करने के बाद भी किसी भी तरह की कोई संतोषजनक कारवाई नहीं की जा रही है।
गौरतलब हो कि आवासीय स्थिति मामले में न तो वरीयता के आधार पर सूची का सत्यापन किया गया और न वंचित किए गए लोगों से तुलना।एक तरफ जाँच अधिकारी अपात्रो का नाम हटाने के लिए लिख रहे हैं। तो वही बगैर अपात्र का नाम जाहिर किए धन आवंटन किया गया है।

बात करते हैं ग्रामीण सुखलाल पुत्र शंकर लाल 76 वर्ष का मकान बारिस में ढह गया न तो आपदा राहत मिली न आवास जबकि हल्का लेखपाल ने मौका-ए-हालात का जायजा लिया। और तस्वीरें भी खींची।

वहीं दूसरी तरफ शीला देवी पत्नी राम समुझ, अंचन देवी पत्नी नीरज कुमार, देव कली पत्नी नन्हे लाल 60 वर्ष, राजेश कुमार पुत्र शंकर लाल, पृथ्वीपाल पुत्र राम अधार एवं निलेश कुमार पुत्र राम समुझ, सीता देवी पत्नी तोनी राम 72 वर्ष को सर्वथा पात्र एवं प्राथमिकता का हकदार होने के बाद भी वंचित रखा गया। पात्रता श्रेणी की सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी आवासीय योजना का लाभ न मिलने पर आजिज पात्रों ने शिकायतों का शिलशिला शुरू किया कि हो सकता है अधिकारियों की आंखें खुल जाएं किन्तु इस पंचायत में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो रही है।

जब ग्रामीणों के शिकायतों का शिलसिला अनवरत जारी रहा तो जन सुनवाई पोर्टल पर सिकायत के बाद कुछ लोगों को आवास प्रदान करने की आख्या की रिपोर्ट भी लगाईं गई है। किंतु बिचारणीय है कि प्राथमिकता के हकदार वंचित क्यो है पुष्पा देवी पत्नी अतुल कुमार अंत्योदय कार्ड धारक है किंतु आवास सूची से बाहर है।असलियत यह है कि ग्राम पंचायत में कभी खुली बैठक नही की गई व पंचायत एवं अधिकारियों की मिलीभगत से गाँव में फोटोग्राफी के समय से ही जेई के माध्यम से धन उगाही के जरिए सारी कार्यवाही कराई गई है। लोग सिकायत कर रहे हैं तो गुमराह करने वाली आख्या के अलावा दबाव व प्रलोभन का खेल भी सुरू हो चुका है, कुछ दिन पहले धन उगाही के मास्टर जेई को बगल गाँव हटिया में लोगों ने पकड़ा व गाड़ी की चाभी ले लिया तो धन वापसी का समय देकर जेई ग्रामीणों को नौ दो ग्यारह का पाठ पढ़ाकर भाग निकले। सैकड़ों बार उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री को भी ट्वीटर पर लिखा जा चुका है।क्या जीरो टालरेंस एवं पारदर्शिता सिर्फ एक दिखावा है। यदि नही तो कब होगी दोषियों पर कार्यवाही। यह सवाल भविष्य के गर्भ में है।

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