रिपोर्ट
राजीव दिक्षित
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
तिकुनिया के मझरा पूरब के मजरा गांव दुमेडा के पास खेत में गन्ना काट रहे एक ग्रामीण को बाघ ने निवाला बना लिया। सूचना मिलते ही ग्रामीण जंगल की ओर भागे और वन विभाग को सूचना दी। मौके से अधखाया शव बरामद किया गया। बाघ अब तक गांव के 13 लोगों को निवाला बना चुका है। नाराज ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और कार्रवाई को लेकर हंगामा काटा।करीब 1:30 बजे दुमेड़ा गांव निवासी राममूर्ति (47) पुत्र बिरजू अपने गांव के पास स्थित गन्ने के खेत में गन्ने की छिलाई कर रहा था। इस बीच जंगल से निकलकर आए बाघ ने राममूर्ति पर हमला कर दिया और उसे लेकर जंगल की ओर भागने लगा। राममूर्ति के चीखने चिल्लाने पर आसपास के ग्रामीण इकट्ठा हो गए। उन्होंने शोर मचाया तो बाघ ने राममूर्ति के शव को अधखाया खेत में छोड़कर जंगल में भाग गया। राममूर्ति की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। राममूर्ति की पत्नी रामरती, मां और बच्चों का रो रो कर बुरा हाल है।
घटना की सूचना पाकर बन रेंज बेलरायां (उत्तर निघासन) के रेंजर विमलेश कुमार, कोतवाली प्रभारी तिकुनिया बालेंदु गौतम, मझरा पूरब बन चौकी के वन दरोगा हरिलाल, कानूनगो अनिल शुक्ला मौके पर पहुंचे।
रेंजर विमलेश कुमार ने बताया कि गांव की सुरक्षा के लिए 10 फीट गहरी खाई खुदवाई गई है। सर्च लाइट लगाई गई है। इसके अलावा चौकी से वन विभाग की टीम रोजाना गश्त करती है। घटना दुखद है सरकार से नियमानुसार सहायता दी जायेगी।ग्रामीणों ने कहा जब तक कार्रवाई नहीं तब तक अंतिम संस्कार नहीं बाघ बीते दो साल से मझरापूरब दलराजपुर गांव के कई लोगों को निवाला बना चुका है। राममूर्ति समेत 13 लोग बाघ का शिकार हो चुके हैं। इसके बावजूद वन विभाग ने बाघ से ग्रामीणों को बचाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। इससे नाराज ग्रामीणों ने हंगामा काटा। ग्राम प्रधान राम रतन ने कहा कि जब तक बाघ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होते तब तक राममूर्ति के शव का अंतिम संस्कार ने नहीं किया जाएगा। मृतक राममूर्ति के भाई रामविलास ने बताया कि वन विभाग मुआवजा राशि पांच लाख से बढ़ाया जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और बाघ से सुरक्षा के पक्के इंतजाम किए जाएं।