रिपोर्ट/- रामकुमार मौर्य बाराबंकी संदेश महल समाचार
शीतलहर के चलते ठंड बढ़ गई है। जनवरी माह लग गया है। ठंड की शुरुआत भी हो गई है। लेकिन शासन-प्रशासन अभी सो रहा है। उसे गरीब, असहाय व्यक्तियों की याद नहीं आई है। अलाओ से लेकर अस्थाई रैन बसेरे की कोई व्यवस्था नहीं की गई है ।बीते सोमवार के दिन से ठंडक बढ़ गई है। ठंड हवा के झोंके के कारण पूरे क्षेत्र में शीत लहर दौड़ गई है ।सुबह से लेकर शाम तक लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं नगर पंचायत द्वारा कहीं-कहीं अलाव जलाया जा रहा है। लेकिन अभी तक रैन बसेरे की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि हर बार दिसंबर माह से जाड़ा शुरू हो जाता है और फरवरी माह तक जाड़े का प्रभाव रहता है। वैसे नर्सरी से कक्षा 8 तक के बच्चों की छुट्टी अवकाश तालिका के अनुसार 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक हो गयी थी। हाई स्कूल व इंटर के विद्यार्थियों के स्कूल आज भी खुले हैं। जबकि लखनऊ में 4 तारीख से 7 तारीख तक अवकाश की घोषणा कर दी गई है। लेकिन बाराबंकी क्षेत्र में अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है। सुबह के वक्त इतनी अधिक ठंड होती है की बच्चों को स्कूल जाने में बड़ी परेशानी होती है। ठंड को देखते हुए शासन-प्रशासन को अवकाश की घोषणा सभी स्थानों पर कर देना चाहिए। इसके अलावा मुख्य चौराहों पर अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि नौकरी पेशे से लगे लोग प्रातः काल चौराहों पर खड़े होकर घंटों वाहन का इंतजार करते हैं ।जो गरीब तबके के लोग हैं वह इधर-उधर कागज पन्नी जलाकर ठंड से बचाओ करने के लिए जुगाड़ में लगे रहते हैं। तहसील क्षेत्र की तरफ से अभी ना तो कोई तीर्थ स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कराई गई है और ना ही मुख्य चौराहों पर जिसके चलते इधर से आने जाने वाले लोग ठंड से ठिठुरते रहते हैं। शासन प्रशासन को चाहिए की शीतलहर को देखते हुए जगह जगह पर अलाव जलाने की तत्काल व्यवस्था करनी चाहिए।