असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है दशहरा

चित्रा देवी
गोरखपुर संदेश महल

नवरात्री के आखिरी दिन माँ नवमीं सिद्धि दात्री की पुजा होती है। नवरात्र में हर महिला परिस्थितियों के हिसाब से माता रानी के हर रूप का जीता जागता उदाहरण बन जाती हैं, शक्ति तो प्रकृति के कण-कण में मौजूद है माता दुर्गा जी हर रूप में वह सभी संकट का निवारण करती हैं।देवी पुराण के अनुसार भगवान श्री राम जी ने प्रसन्न मन से नवरात्र व्रत का समापन करके दशमी तिथि को विजय पुजन किया था, दशहरा हिंदुओ का एक प्रमुख त्यौहार है। भगवान श्री राम जी ने इसी दिन रावण का वध किया और माँ देवी दुर्गा जी ने नौ रात्रि एवं दस दिन युद्व के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त किया, इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप मे मनाया जाता है।इसीलिए इस दशमी को विजया दशमी के नाम से जाना जाता है, इस दिन अस्त्र-शस्त्र का पुजा भी किया जाता है विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना जाता है। सम्पूर्ण भारत में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ धूम धाम से हिंदुओ द्वारा मनाया जाता है दशहरा ।

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