इसी को कहते भारत वर्ष ……….

 

अशोक अवस्थी
लहरपुर सीतापुर संदेश महल समाचार

भारत माता की जय हो मातृभूमि वंदन
परस्पर त्याग और बलिदान
जहां हर मानव एक समान
देवी सम पूज्यनीय नारी
सृष्टि उपजी सुंदर सारी
जहां गंगा जमुना कल कल
हिमालय बना सदा संबल
ज्ञान दुनिया में है जाता
जयति जय जय भारत माता
तपते साधक साधना रत
ज्ञान का पुंज रहा भारत
ऋचाएं मानव हित कल्याण
जहां के पूजनीय पाखाड़
निरंतर नदियां सहित प्रवाह
जहां बस शक्ति मोक्ष की चाह
निरंतर हो सबका उत्कर्ष
इसी को कहते भारत वर्ष
विश्व में शांति रहे सद्भाव
यही देवत्व भरा है भाव
जहां हो अतिथि देव भ्राता
जयति जय जय भारत माता
सत्य हित हड्डी करते दान
हुए बलिदानी वीर महान
देश हित रहता उरअभिमान
सुरक्षित है सबका सम्मान
आत्म बलिदान सभी अर्पण
जहां का पूजित है कण-कण
जहां पर जीव ब्रह्म सदज्ञान
इसी से भारत भूमि मान
धर्म इतिहास वेद ज्ञाता
जयति जय जय भारत माता

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