रिपोर्ट
प्रताप सिंह
मथुरा संदेश महल समाचार
थाना छाता कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक दुर्गेश कुमार पर आज छाता तहसील में लगे समाधान दिवस में ₹50000 का रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। वही क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कुमार ने जांच के आदेश भी पारित किए है। छाता तहसील में लगे संपूर्ण समाधान दिवस में धमसींगा के रहने वाले टीकम लाल ने बताया कि गांव में ही रहने वाले गौरव और गोपेश्वर के खिलाफ उसने 20 फरवरी 2018 को एक मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसमें दूसरे पक्ष को बचाने के लिए पुलिस ने उस पर और उसके बेटे पर झूठा मुकदमा पंजीकृत कर दिया है। उक्त लोगों ने राजनीति गुंडागर्दी के दम पर उसको और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां भी दिलाई आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होने के बावजूद भी उन्हें केवल शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया जिन्हें छाता से ही जमानत मिल गई खाना खाता कोतवाली में मौजूद इंस्पेक्टर रवि त्यागी और उप निरीक्षक दुर्गेश कुमार द्वारा उसके बेटे का फर्जी मुकदमे में नाम लिख दिया है। जबकि गांव में कोई भी झगड़ा नहीं हुआ पीड़ित ने यह भी बताया कि उसका बेटा दिल्ली आकाश इंस्टिट्यूट में पढ़ाई कर रहा है। इस मामले में जैसे ही पीड़ित को पता चला कि उसके परिवार के खिलाफ झूठा मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है। तभी उसने थाने जाकर दरोगा दुर्गेश कुमार से बात की तब उसने कहा कि हमारे ऊपर साहब का दबाव है। मुझ प्रार्थी ने कहा कि आप तो हमारे हल्का इंचार्ज भी नहीं है। फिर भी आप मेरे बेटे जगमोहन का जीवन क्यों बर्बाद कर रहे है। पीड़ित के बेटे का नाम निकालने के लिए दरोगा ने उससे ₹50000 की मांग की और कहा कि काफी केस कोर्ट में पहुंचा दूंगा आज पीड़ित ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र लिखकर क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कुमार को दिया और जांच की मांग की वहीं क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है। और इसकी जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।