रिपोर्ट
हिमांशु यादव
मैनपुरी संदेश महल समाचार
जनपद मैनपुरी के कस्बा करहल के बाग वृंदावन चल रही कथा में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाते कथा वाचक योगेंद्र पचौरी ने कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद राजा कंस उनकी मृत्यु कराने के लिए अपने राज्य की बलशाली राक्षसी पूतना को गोकुल धाम भेजते हैं। पूतना वेष बदलकर गोकुल धाम पहुंचती है और भगवान श्री कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु जैसे ही भगवान कृष्ण पूतना का दूध पीते हैं तो पूतना की मौत हो जाती है। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्ना करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने के की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। भगवान कृष्ण की यह बात सुनकर राजा इंद्र क्रोधित हो जाते हैं और अपने क्रोध के चलते गोकुल धाम में भारी वर्षा करते हैं, जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत के नीचे बुला लेते हैं, जिससे हारकर इंद्र एक सप्ताह के बाद बारिश को बंद कर देते हैं, जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारों लगाने लगते हैं। पूजा आरती के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाया गया, जिसका पंडाल में उपिस्थत श्रोताओं को वितरण किया गया।
इस मौके ओर रघुवीर मिश्रा , रविन्द्र सिह , धीरेंद्र वर्मा , संजीव मिश्रा , सूरजभान पाण्डेय, रमेश मिश्रा , अनुरुद्ध मिश्रा , दयानन्द , रमेश सविता, जयवीर सिंह ,अनेग सिंह, सुरेंद्र सिंह , रामवीर राठौर,मदन राठौर , सुमन गुप्ता , अशोक प्रजापति समेत तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।