कल से शारदीय नवरात्र शुरू,वर्षों बाद बना ऐसा संयोग कि पूरी होगी सभी मनोकामनाएं

रामकुमार मौर्य बाराबंकी संदेश महल समाचार

सोमवार के दिन से शारदीय नवरात्र शुरू होगी ।जो 9 दिनों तक चलेगी इस बार नवरात्र के पावन अवसर पर आदि शक्ति मां दुर्गा जी हाथी पर सवार होकर आएंगी तथा इसी सवारी से उनकी वापसी होगी। इसलिए इस बार के नवरात बहुत ही महत्वपूर्ण व फलदाई है। क्योंकि कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग बना है की माताजी हाथी पर सवार होकर आएंगी और नवरात्रि का शुभ आरंभ सोमवार के दिन होगा ।इस दिन प्रात काल

6:17 से 7:55 तक कलश स्थापना मुहूर्त

11:54 से 12:42 अभिजीत मुहूर्त।

इस मुहूर्त में सभी भक्त गणों को कलश स्थापना करके मां शैल कुमारी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर जगह जगह पर पांडाल सजा कर व दुर्गा मंदिरों ,मठों में आदिशक्ति मां दुर्गा जी की 9 दिनों तक पूजा अर्चना होती है ।कस्बा रामनगर स्थित रामकली देवी मंदिर, तिलकराम आवास पर, अमोली कला में ,लोधेश्वर महादेवा में पंडाल सजा कर मां दुर्गा जी की पूजा अर्चना की जाती है। इसके अलावा सुढिया मऊ ,मरकामऊ, महमूदपुर ,कड़ा का पुर ,रानीगंज, रानी बाजार सहित सैकड़ों स्थानों पर आदिशक्ति मां दुर्गा जी की पूजा अर्चना भी विधि विधान से पंडाल सजाकर होती है ।लोग 9 दिनों तक इन स्थानों पर दुर्गा जागरण से लेकर अनेक भक्ति वाले कार्यक्रम भी करते हैं वर्ष में चार नवरात्रि पडती हैं ।जिसमें से दो नवरात्रि गुप्त होती हैं तथा दो नवरात्रि जिसमें वासंतिक नवरात्र और शारदीय नवरात्र की लोग विधि विधान से पूजन अर्चन करते हैं इन नवरात्रों में बहुत से भक्तगण 9 दिनों तक व्रत रहकर मां दुर्गा जी की पूजा अर्चना करते हैं ।इसके अलावा बहुत से भक्तगण प्रथम दिन व अष्टमी तिथि को व्रत रखकर मां की पूजा अर्चना करते हैं ।मां दुर्गा जी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। शारदीय नवरात्र में पूरे क्षेत्र में 9 दिनों तक खूब धूमधाम रहता है ।पंडालों से लेकर देवी मंदिरों में बच्चों से लेकर महिला पुरुष सभी की प्रतिदिन भीड़ भाड़ रहती है ।बहुत से लोग नवरात्रि के समय में अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी देवस्थान पर कराते रहते हैं ।क्योंकि नवरात्रि का समय शुभ दिन माना जाता है। जिस दिन से नवरात्र प्रारंभ होते हैं उसी दिन से सभी लोग बच्चों के मुंडन ,शादीशुदा लोगों के गौना, रामचरितमानस का पाठ आदि कार्यक्रम प्रारंभ हो जाते हैं 9 दिनों तक पूरे क्षेत्र में धूमधाम रहता है ।उसके बाद हवन पूजन कन्या भोज के साथ समापन होता है और सभी भक्तगण मां दुर्गा जी की मूर्ति को पवित्र नदी में विसर्जन करते हैं।

error: Content is protected !!