काटो पेड़ कराओ जुर्माना की तर्ज पर लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद

अजय कुमार सिंह
बाराबंकी संदेश महल समाचार

बिना अनुमति पेड़ काटने पर जुर्माना और फलदार पौधे लगाने का आदेश वन रेंज फतेहपुर में मिथ्या साबित हो रहा है।इस क्षेत्र में एक ही फार्मूला वन माफियाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।कि काटो पेड़ कराओ जुर्माना क्योंकि इससे इसमें सभी की जेबें भर जाती है।चार पेड़ काटने है एक का जुर्माना करवा दिया। शेष पेड़ों में में बंदरबांट कर लिया। जिससे यह कहा जाता है कि न हम कहें तुम्हारी न तुम कहो हमारी। कुछ इस तर्ज लकड कटृटो का धंधा फल फूल रहा है।
थाना मोहम्मदपुर खाला क्षेत्र के क्योंटली गांव में काटी जा रही प्रति बंधित आम की बाग इन दिनों सुर्खियों में है।इस आम की बाग में लगभग एक पखवाड़े से आरे चलाए जा रहे हैं। किंतु कार्यवाही के नाम पर शिकायत प्रतिनिधियों को जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है।

आश्वासन और कार्यवाही – जिम्मेदार

लकड़ी माफियाओं द्वारा प्रतिबंधित आम के काटे जा रहे पेड़ों के संबंध में एक बड़े ओहदे के जिम्मेदार अधिकारी को एक व्यक्ति द्वारा बा जरिए फोन से अवगत कराया जाता है। कि ग्राम कयोटली में आम के प्रतिबंध पेड़ काटे जा रहे हैं। फोन रिसीव हुआ जिस पर जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। लेकिन कार्रवाई किसी भी तरह की नहीं हुई।

बीट इंचार्ज

बीट इंचार्ज महेश प्रसाद से बात करते हुए एक व्यक्ति द्वारा काटे जा रहे आम के पेड़ों के संबंध में जानकारी चाही गई तो बताया गया कि काटे जा रहे पेड़ों की जानकारी तो है। किंतु जुर्माना के विषय में कहना है कि डिप्टी साहब की जानकारी मे है जुर्माना नहीं हुआ है। यदि होगा तो रसीद वहीं बनाएंगे। और फोन काट दिया जाता है।

डिप्टी रेंजर

डिप्टी रेंजर मोहित कुमार श्रीवास्तव का तो फोन कभी खुलता ही नहीं है।जब भी लगाओगे तो बंद मिलेगा।

क्या बोले लकड कटृटा

मामला जब चर्चा ए आम हुआ तो बाग खरीददार लकड कटृटा से बात की गई तो उनका कहना है कि बाग तो कटेगी क्योंकि सभी को चढ़ावा चढाए बगैर हम लोग आरा पेड़ों पर नहीं लगाते हैं। हां इतना जरूर है कि देर सबेर कटे किंतु कटेगी जरूर।

पुलिस

थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रतिबंधित विशालकाय पेड़ों पर लकड़ी माफियाओं का आरा चल रहा है। एक तरफ जहां सरकार पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए वृक्षारोपण अभियान चला रही है।
तो वही वन विभाग एवं पुलिस के संरक्षण में धड़ल्ले से लकड़ी माफिया हरे पेड़ों को उजाड़ने में लगे हुए हैं।सूत्रों की मानें तो यह काम वन विभाग और पुलिस को मोटी रकम देने के बाद ही लकड़ी माफियाओं द्वारा किया जा रहा है।
अहम पहलू यह अब यह देखना है कि क्योटली में काटी जा रही आम की बाग पर कौन सी कारवाही की जा रही है।

error: Content is protected !!