रिपोर्ट
जेपी रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार
वन विभाग की मिलीभगत से क्षेत्र में हरे पेड़ों पर आरे चल रहे हैं। अंधाधुंध चल रहे हरे पेड़ों की कटान से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। जहां सरकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हर वर्ष लाखों-करोड़ों पौधे लगवाती है, वहीं विभागीय कर्मियों की मदद से लकड़ कट काफी संख्या में हरे पेड़ों को कटवा कर सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।

गौरतलब हो कि थाना मोहम्मदपुर खाला कोतवाली क्षेत्र के बभनावा गांव में हरे पेड़ों की कटान जारी थी। लकड़ कट दिनदहाड़े हरे पेड़ों को काटने में लगे हुए थे, पेड़ों को काटते समय लग रहा था कि उन्हें किसी का भय ही नहीं है। नाम ना छापने की शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि हम लोग वन विभाग कर्मियों को सुविधा शुल्क देकर हरे पेड़ों की कटान कराते हैं। क्षेत्र में जहां जहां पेड़ कटते हैं उसकी जानकारी वन विभाग को होती है। बिना इनकी मदद से कोई भी ठेकेदार हरा पेड़ काट नहीं सकता है। कभी-कभी तो शिकायत पर वन विभाग जुर्माना करके छोड़ देता है। क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटान हो रही है, लेकिन पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को सब कुछ पता रहता है। कार्रवाई करने को वह तो अपनी आंख बंद किए रहते हैं। इससे पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है उससे उनको कुछ भी लेना देना नहीं है। सरकार के अधीनस्थ कार्य करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी ही सरकार की मंशा पर पानी फिरने में लगे हुए हैं। क्षेत्रीय वन रक्षा, एवं सुरक्षा के एक जिम्मेदार कर्मचारी महेंद्र कुमार को सिर्फ एक ही बात पता है कहां से धन उगाही करनी है।दो दिन पूर्व क्षेत्रांतर्गत भिखारी पुर में दिनदहाड़े प्रतिबंधित पेड़ों की दिनदहाड़े बाग साफ हो गई।बभनावा में चल रही हरे पेड़ों की दिनदहाड़े कटान की सूचना देने के लिए एक व्यक्ति महेंद्र कुमार को फोन लगाता रहा किन्तु फोन नहीं उठाया गया क्योंकि श्री महोदय को कटान की सूचना पहले से थी। और यह बाग इनके संरक्षण में काटी जा रही है। जिसका सुविधा शुल्क तो पहले मिल चुका होगा आखिर सुने भी तो क्यों?