गर्दन कटा कटा कर सीखा है मुस्कुराना………

रामनगर बाराबंकी संदेश महल
कस्बा रामनगर स्थित रामकली देवी हनुमान मंदिर में नवरात्रि के पावन अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजन किया गया। मंदिर कमेटी के तरफ से अनेक कवियों को बुलाया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता राहुल अवस्थी और संचालन कवि हरिहर दत्त पांडे ने किया ।सर्वप्रथम सभी कवियों का टीका लगाकर माला पहनकर स्वागत किया गया। कवि सम्मेलन के प्रारंभ होने पर सबसे पहले डॉक्टर सर्मेश शर्मा ने मां सरस्वती की वंदना इस प्रकार पढी हे सरस्वती मैया शारदे, हमें अज्ञानता से तार दे।
कवि विशाल मिश्रा ने अपनी कविता यूं पढी जगत जननी है मां अंबे तेरा गुणगान कर दूंगा, तुम्हारी आरती करके तेरा सम्मान कर दूंगा।
अयोध्या धाम से पधारे कवि दुर्गेश पांडे ने कहा कि जब-जब चौसर के पासों पर द्रोपदी के वस्त्र उतारे जाएंगे, दुर्योधन या दुशासन दोनों मारे जाएंगे।
सुल्तानपुर से आए कवि पुष्कर ने अपनी कविता यूं पढी हम क्या करेंगे आखिर उनकी नसीहतों को, गर्दन कटा कटा कर सीखा है मुस्कुराना।
कवि डॉक्टर अरुण तिवारीने अपनी कविता इस प्रकार पढी जिन्हें पैरों पे रहना था वह सिर इपर आन बैठे,तपा सिर सावोपैरब छाया में पैर तन बैठे हैं।
गीतकार हरिहर दत्त पांडे ने कहां की आओ साथ-साथ चले बनके सच्चे यार ,कर लो मुझसे प्यार कर लो मुझसे प्यार ।वहीं पर रामनगर कवि शिवेश राजा देश के नौजवानों के प्रति बहुत ही सुंदर कविता पढ़कर सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नारायण दत्त शुक्ला दीपक श्रीवास्तव पुनीत श्रीवास्तव अमित श्रीवास्तव उमेश यादव सूरज सिंह ध्रुव श्रीवास्तव रामकुमार मौर्य राजाराम यादव भीम श्रीवास्तव तुषार कनौजिया सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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