गलती हो जाए तो प्रायश्चित जरूर करें बृजबिहारी महाराज

 

हिमांशु यादव
मैनपुरी संदेश महल समाचार
जनपद मैनपुरी के बिछवां ग्राम सिमरई में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को कथा व्यास बृजबिहारी महाराज ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।
कथा वाचक बृजबिहारी महाराज ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। कथा में परीक्षित नीरज चौहान व नीलम चौहान यज्ञपती वीरेंद्र राठौड़ वी मुन्नी देवी सत्यपाल सिंह राजकुमार सिंह राजीव सिंह विमल सिंह दिनेश चौहान योगेश सिंह राकेश सिंह अभय प्रताप शीले तोमर केशव सिंह प्रशांत आयुष नंदू गोविंद के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।

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