छाता तहसील से 100 मीटर की दूरी पर बने क्रय केंद्र पर नही तोला जा रहा गेंहू

 

रिपोर्ट
प्रताप सिंह
मथुरा संदेश महल समाचार

छाता तहसील के अंतर्गत आने वाले क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं को खरीदा नहीं जा रहा है। आज इसकी सच्चाई देखने के लिए हमारी टीम द्वारा इसका निरीक्षण किया गया तो देखा गया कि सभी किसान लगभग 15 दिनों से सड़कों पर सोने के लिए मजबूर हो रहे है। यह हाल तो तब है। जब मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद मौर्य रहते है। फिर भी अपने पास के क्रय केंद्र का सही से तुलवाई नहीं करवा पा रहे तो अन्य केंद्रों का क्या हाल हो रहा होगा यह सोचने वाली बात है 3 दिन से लगातार छाता में बारिश हो रही थी सभी लोग अपने अपने घरों पर आराम से सो रहे थे उस समय किसान अपने गेहूं को लेकर सड़क पर सो रहा था और इंतजार कर रहा था कि कब उसका गेहूं बेचा जाएगा और वह अपने घर को जाएगा किसान के परिवार वाले उसके मासूम छोटे-छोटे बच्चे उसके आने का इंतजार कर रहे है। लेकिन आखिर वह करें भी तो क्या करें साल भर कमाई हुई फसल को अब क्रय केंद्रों पर कोई लेने वाला भी नहीं है। जब किसानों से इस बारे में बात की गई तब उन्होंने बताया कि किसी भी क्रय केंद्र पर वार दाना उपलब्ध नहीं है। यह केवल जुमलेबाजी सरकार बनी हुई है। जो बिल्कुल भी किसानों के हित में कार्य नहीं कर रही है। वैसे तो सरकार द्वारा किसानों के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते है। लेकिन अगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो सभी दावे फेल नजर आते है। किसान अपनी आपबीती किसी को बताए भी तो क्या बताएं कोई भी अधिकारी उनकी सुनने को तैयार तक नहीं कभी किसान की फसल को ओले मार जाते है। तो कभी उसकी फसल को बारिश मार जाती है। इन सब को देखते हुए किसान फिर भी जी रहा है। लेकिन उनके ऊपर भी कुछ राजनेता राजनीति कर जाते है। जो कि हमारे लिए बड़े ही दुख की बात है। वैसे तो किसानों को अन्नदाता कहा जाता है। लेकिन इसी अन्नदाता के ऊपर आज कितने जुल्म ढाए जा रहे है। भले ही चाहे कोई भी सरकार क्यों ना हो लेकिन इन अन्नदाता की सुनने वाला कोई नहीं है।

 

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