भारतीय किसान यूनियन (किसान)ने दी डीएम आवास घेरने की धमकी
पंकज शाक्य
किशनी/मैनपुरी- जनपद में किसानों की सुनने बाला कोई नहीं है। किसान असहाय होकर सिर्फ भगवान की तरफ ही निहार रहा है कि वह जमीन पर आये और किसानों की मदद करे।
बताते चलें कि किसानों को इसबार डीएपी खाद की भारी किल्लत का सामना करना पडा। मात्र 1200 की डीएपी किसानों को 1500 से 18सौ तक की खीदनी पडी।यही हाल यूरिया खाद का रहा। जिसे किसानों ने 266.50पैसे की जगह 400 से पांच सौ रूपये तक की खरीदी। उवर्रकों की कालाबाजारी से किसानों की कमर टूट चुकी थी। सारी परेशानियां उठाकर किसानों ने जब धान की फसल तैयार की और उसे सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचने को लेगया तो वहां किसानों की बजाय बिचैलियों का धान खरीदा गया। भारतीय किसान यूनियन(किसान) ने जब किसानों के हित में आबाज उठाई तो कुछ किसानों को राहत मिली और उनका धान खरीदा जाने लगा। पर अब एक नई मुशीबत ने किसानों को घेर लिया है। नई मुशीबत है कि बेचे गये धान के पैसे किसानों के खाते में नहीं डाले जा रहे हैं। किसान दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहा है। क्षेत्र के नगला केवल निवासी सर्वेश पुत्र रामनरायण ने एसडीएम जयप्रकाश को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि उन्होंने अपना आठ कुंटल धान एफसीआई क्रय केन्द्र पर 23 नवम्बर को बेचा था। उसके बाद सारी शर्तें भी पूरी करलीं। पर उनके खाते में अभी तक एक भी पैसा नहीं आया। वह लगातार एफसीआई गोदाम के चक्कर काट रहे हैं। पर उनकी सुनने बाला कासेई नहीं है। भा0कि0यू0 (किसान) के जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे ने चेतावनी दी कि यदि हाल यही रहा किसानों की उपेक्षा जारी रही तो आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी होने के बाद भी वह किसानों को साथ लेकर डीएम कायार्लय घेर पर बिरोध दर्ज करायेंगे। वह नहीं चाहते कि वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करें पर यदि किसानों को उनका बाजिब हक नहीं मिला तो वह डीएम कार्यालय घेरने को मजबूर हो जायेंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।