जिसने प्रेम रस का पान कर लिया हो उसे किसी रस की आवश्यकता नहीं-ज्ञानी जी महाराज

 

हिमांशु यादव
मैनपुरी संदेश महल समाचार

जनपद मैनपुरी थाना क्षेत्र किशनी। नगर के रामनगर तिराहे के सिद्ध काली देवी मंदिर पर जारी सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा में नैमिसारण्य सीतापुर से आये कथावाचक महामंडलेश्वर ज्ञानी जी महाराज ने उद्धव जी व गोपी प्रेम की कथा सुनाई। उन्होंने कहाकि जिसने जिसने प्रेमरस का पान कर लिया हो उसे किसी रस की आवश्यकता नहीं है। रविवार को कथा के छठवें दिन सरस कथा वाचक ने कहाकि उधव जी अपने ग्यान में लीन ब्रज नगरी में प्रवेश करते हैं। रथ को आते देख सभी गोपियां दौड़ी भागी गोविन्द आ गयो, गोविंद आ गायो है। उधवजी संदेश के वजाय निर्गुण ब्रह्म का ग्यान देने लगते हैं।गोपियों ने कहा कि हमारा एक ही हृदय है दस व बीस नहीं है, जो हम आपके निर्गुण ब्रह्म की उपासना करे। हम तो कृष्णा से प्रेम करते हैं। हम सभी उन्हीं के प्रेम में लीन रहते हैं । हमारा मन तो उन्हीं के साथ मथुरा चला गया है। उन्होंने कहा कि हे उधव हमारा कृष्णा हमें यमुना के तट पर बंशी सुनाया करता था। हमारे वस्त्र चुराया करता था। हमारी मटकी फोड़ दिया करता था। क्या वह हमें बिल्कुल याद नहीं करता।सवाल पे सवाल, सवाल पे सवाल गोपियां उधवजी से पूछे जा रही थीं। राधा उधवजी से कहतीं कि हे उधवजी जिस तरह से माँ असहनीय पीड़ा पाकर संतान प्राप्ति का आनंद प्राप्त करती है उसी प्रकार प्रेमिका को आनंद प्राप्त होती है।जिसे जीवन में प्रेम का उपहार मिल जाय जो अपने होठों से प्रेम रस का पान कर लिया हो उसे संसार में किसी और रस की आवश्यकता नहीं होती।
इस मौके पर एसडीएम राम नारायण,इंद्रेश पांडेय,संदीप गुप्ता,परीक्षित शिवप्यारेलाल श्रीवास्तव व कल्याणी श्रीवास्तव,अरविंद गुप्ता,बसपा चेयरमैन प्रत्याशी श्याम कुमारी शाक्य,सूरज शाक्य,रामनारायण श्रीवास्तव,राजबहादुर सिंह,पन्नालाल वर्मा,प्रदीप तिवारी सहित काफी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।

error: Content is protected !!