रिपोर्ट/- अजय कुमार सिंह संदेश महल समाचार
मोबाइल टावर के अधिकारियों के रौब के शिकार टेक्नीशियनों के मामले आए दिन समाचार पत्रों की सुर्ख़ियों में छाए रहते हैं। इसी कड़ी में शामिल एक टेक्नीशियन की प्रतारणा जब शिर से उपर निकलती दिखाई दी तो उसने आत्म हत्या करने की ठान ली। किंतु उपर वाले को कुछ और ही मंजूर था,समय से इलाज होने के कारण जान बच गई।अब देखना है कि अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होती है या फिर यह भी घटना एक सुर्खी बनकर रह जाएगी।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार शलीम पुत्र मोहम्मद जमील निवासी तालगांव थाना अनवरगंज कानपुर सिटी का मामला संज्ञान में आया है। जहां एक टाबर अधिकारी की प्रतारणा और उसकी रौब ने हद ही पार कर दी। जबकि टावर टेक्नीशियन शलीम को अतिरिक्त भार 11 साइड कानपुर व 7 साइड सरसौल की जिम्मेदारी का भार अकेले संभालना पड़ रहा है। फिर भी अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित करने का मामला संज्ञान में आया है। अधिकारियों की प्रताड़ना से टेक्नीशियन आत्महत्या करने की के लिए विवश हो गया।और आत्महत्या करने की कोशिश भी की। जब टेक्नीशियन की हालत बिगड़ी तो टाबर अधिकारी आनन-फानन में न्यू कानपुर सिटी हॉस्पिटल गुरुदेव में ले जाकर भरती करा दिया। किसी तरह डॉक्टरों द्वारा की जान बचाई जा सकी। किंतु हॉस्पिटल का खर्चा देखकर अधिकारी अस्पताल से नौ दो ग्यारह हो गये। पीड़ित सलीम के मुताबिक इलाज का खर्च लगभग एक लाख रुपए के आसपास है। इलाज की बड़ी रकम को देखकर पीड़ित सलीम की कोई भी टाबर अधिकारी हाल खबर लेना भी मुनासिब नहीं समझा। जबकि आत्म हत्या करने की कोशिश से पहले पीड़ित सलीम ने प्रताणित करने वाले सभी अधिकारियों के नाम को लेकर अपनी प्रतारणा जग जाहिर भी की है। अब देखना यह है कि सलीम के मामले में टाबर अधिकारी आखिर कौन सी कारवाई करते हैं या फिर टाबर अधिकारियों के विरुद्ध कौन सी कार्रवाई होती है। दोनों ही मामले कारवाई के इंतजार की सुई पर अटके हुए हैं। आखिर सलीम को न्याय मिल पाता है या फिर………?