टीका लगाने बहने पहुंची जेल मिलाई करने लखीमपुर खीरी

 

रिपोर्ट
वंदना जायसवाल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार

भइया दूज के दिन जिला कारागार में माहौल काफी भावुक दिखा, जहां अपने भाइयों को सीखचों के पीछे देख बहनों की आंखों में आंसू थे तो बहनों से मिलकर बंदियों के चेहरे पर खुशी की चमक दिखी। भइया दूज के दिन जिले के दूर-दराज क्षेत्रों से आई 1030 महिलाओं ने 603 बंदी भाइयों के माथे पर मंगल तिलक लगाया और उनका मुंह मीठा कराकर भाई दूज मनाई। दूज के दिन जेल का माहौल कुछ बदला बदला सा नजर आया। सुबह से ही जेल के बाहर महिलाओं की भारी भीड़ थी। सभी को अपने भाइयों से मिलने की जल्दी थी। जेल के नियमानुसार पर्ची काटकर सभी की मिलाई कराई गई। भाइयों को टीका करने के लिए आई 1030 महिलाओं के साथ 343 बच्चे भी थे। जेल प्रशासन ने इनकी मिलाई की व्यवस्था खुले परिसर में कराई। महिलाओं ने अपने भाइयों के माथे पर मंगल तिलक लगाकर उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की। बच्चे अपने पिता, भाई या रियतेदारों से मिलकर खुश हो गए। इसके साथ ही तीन पुरुषों ने कारागार की तीन महिला बंदियों से मुलाकात कर उनसे भइया दूज का तिलक लगवाया।जनपद और दूसरे जिलों से आईं 1030 महिलाओं ने जिला कारागार में सजा काट रहे या मुकदमे के विचाराधीन बंदियों को टीका लगाया। इस मौके पर भाई बहन भावुक हो उठे। आंखों में आंसू और चेहरे पर चमक का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस दृश्य को देख जेल अधिकारी और कर्मचारी भी भावुक हो उठे। उधर, दिवाली के मौके पर जेल परिसर को बिजली की रंग बिरंगी झालरों के जरिए खूबसूरती से सजाया गया था।जिला कारागार के जेलर पंकज सिंह ने बताया कि भाई बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और विश्वास के प्रतीक भइया दूज के पावन पर्व पर जिला कारागार में निरुद्घ 603 बंदियों को 1030 महिलाओं और 343 बच्चों ने मुलाकात की। इसके साथ ही तीन पुरुष।

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