ताम्र युगीन संस्कृति 2400 वर्ष पुरानी वैज्ञानिक शोध से पुष्टि

संदेश महल
वैज्ञानिक शोध से खुलासा हुआ है कि गंगा घाटी की ताम्र युगीन संस्कृति जिसे गैरिक मृदभांड संस्कृति भी कहा जाता है, ईसा से 2400 वर्ष पुरानी है। इंडियन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी के प्रमुख सम्पादक और पुरात्तवविद विजय कुमार ने बताया कि गंगा घाटी सदैव से भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र रही है। उन्होंने कहा कि अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि यह स्वयं में एक उन्नत सभ्यता थी। वैज्ञानिक तथ्यों से ये बात निराधार पाई गई कि यह सभ्यता पश्चिमी भारत या कहीं अन्यत्र से यहां आयी थी। इंडियन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी, लखनऊ बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंसेज, लखनऊ और शहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट बागपत के संयुक्त अध्ययन दल के द्वारा यह महत्वपूर्ण शोध किया गया है।

error: Content is protected !!