रिपोर्ट
उमेश सोशल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां पर अव्यवस्थाओं का अंबार है। सुविधाओं के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते इसका खामियाजा मरीजों के तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब हो कि मरीजों की सुविधाओं के लिए आक्सीजन प्लांट लग जाने के बावजूद टेक्नीशियन की तैनाती नहीं की गई है। प्लांट चलाने की जिम्मेदारी दो वार्ड ब्वॉय पर है। दिवाली की छुट्टी से न लौटने के कारण प्लांट में मौजूद ऑक्सीजन खत्म हो गई, जिसके चलते रविवार की रात एक सिलिंडर से कई मरीजों को ऑक्सीजन दी गई। कोरोना की दूसरी लहर आने पर ऑक्सीजन न मिलने की वजह से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए गेल इंडिया ने जिला अस्पताल में प्लांट लगाया था। किंतु टेक्नीशियन की तैनाती आज तक न नहीं हो सकी। टेक्नीशियन न होने की वजह से ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की जिम्मेदारी दो वार्ड ब्वॉय को दी गई है। दिवाली पर इन कर्मचारियों के छुट्टी पर चले जाने से चार दिन तक ऑक्सीजन प्लांट बंद रहा। एक-दो दिन प्लांट में मौजूद ऑक्सीजन से मरीजों को सप्लाई दी गई, लेकिन उसके ऑक्सीजन खत्म हो गई। रविवार रात इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों को सांस लेने में दिक्क्त हुई तो तीमारदारों ने इसकी शिकायत ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से की। उधर, प्लांट में ऑक्सीजन खत्म हो जाने से कर्मचारी भी परेशान हो उठे। कई मरीजों को एक सिलिंडर से ऑक्सीजन दी गई। सोमवार की सुबह संबंधित स्टाफ के पहुंचने पर उन्होंने प्लांट शुरू किया। इसके बाद मरीज और स्टाफ ने राहत की सांस ली। सफाई व्यवस्था की बात करें तो तीमारदार ने रुपये देकर शौचालय साफ कराया वर्तमान स्थिति में जिला अस्पताल अव्यवस्थाओं का अंबार बना हुआ है। वार्ड और शौचालय गंदगी से भरे पड़े हैं। वहां भर्ती मरीज और तीमारदार गंदे शौचालय में जाने को मजबूर है। सबसे अहम पहलू यह है कि
सीएमएस डॉ. हर्षवर्धन जिला अस्पताल का कहना है कि इसके विषय में हमें जानकारी नहीं है।
इमरजेंसी वार्ड में गंदगी होने के बाबत स्टाफ से जवाब-तलब किया जायेगा।