जेपी रावत
सीतापुर संदेश महल समाचार
युवतियों को नशीली दवा खिलाकर उनसे देह व्यापार कराने के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने आरोपी महिला समेत चार लोगों को दबोच लिया है। तीनों पीड़िताओं का कोर्ट में बयान कराने के बाद उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर के थानगांव स्थित पीएचसी के फार्मासिस्ट के घर में बिहार, गोरखपुर व आजमगढ़ की तीन लड़कियां काम करती थीं। कुछ लोगों की मदद से तीनों लड़कियों ने एसडीएम बिसवां से मिलकर फार्मासिस्ट की पत्नी मंजू पर गंभीर आरोप लगाए थे। लड़कियों का आरोप था कि मंजू यादव ने उन्हें सफाई के काम के लिए बुलाया था। इसके बाद देह व्यापार कराया जा रहा था। बाहर से लोग बुलाकर उन्हें गाड़ी से भेजा जाता था। मना करने पर मारा पीटा जाता था। घर वालों से बात नहीं करने दी जाती थी।
पुलिस की जांच में सामने आया कि कुछ दिन पूर्व एक लड़की अपनी मर्जी से घर चली गई, जबकि दो अन्य लड़कियां मंजू के जानने वाले इमरान के घर चली गईं। तीसरी लड़की भी वहीं पहुंच गई। इस पर मंजू ने पुलिस को सूचना दी और इमरान से लड़कियों को वापस करने को कहा। इमरान अन्य साथी के साथ इन लड़कियों को बिसवां एसडीएम के पास ले गया। एसडीएम ने मामले को थाने भेजा, जहां मंजू के खिलाफ केस दर्ज हुआ। पुलिस जांच में लड़कियों ने बताया कि मंजू काम कराती थी, समय से खाना व मजदूरी नहीं देती थी। जांच में मंजू के अलावा उसके फार्मासिस्ट पति शशिभान यादव, इमरान व उसके साथी सर्वेश गुप्ता का नाम प्रकाश में आया। इसके बाद पुलिस ने चारों को दबोच लिया है।
मामले में लापरवाही के आरोप में एसपी आरपी सिंह ने आरक्षी संतोष सिंह व ज्ञान सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। लड़कियों का कोर्ट में बयान कराने के साथ ही मेडिकल कराया जा रहा है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि लड़कियों ने कोर्ट में दिए बयान में यौन शोषण की बात नहीं कही हैं। युवतियों संग देह व्यापार व प्रताड़ना के मामले को लेकर आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह सीतापुर पहुंची। आईजी का पहले थानगांव जाने का कार्यक्रम था,लेकिन वह थानगांव न जाकर करीब 11 बजे जिला मुख्यालय आ गईं। सीओ सिटी कार्यालय पहुंच कर आईजी ने एएसपी उत्तर डॉ. राजीव दीक्षित व एएसपी दक्षिणी एनपी सिंह, सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह से चर्चा की। इस दौरान आईजी ने पीड़िताओं को थानगांव से शहर कोतवाली बुलवाया। आईजी ने उनसे पूछताछ की। इसके बाद पीड़िताओं को कोर्ट में बयान के लिए भेजा गया।
जो घटनाक्रम बताया गया है, वह सिद्ध नहीं हो पाया। अलग-अलग पहलू हैं। जिस पर विस्तार से जांच की आवश्यकता है। इमरान प्राइवेट आदमी है। उसे बुलाकर पूछताछ की जा रही है। इमरान ने दूसरे सिविलियन पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उसे भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मामला वैसा नहीं है, लड़कियों ने कोर्ट में साफ कहा है कि उनके साथ कोई गलत काम नहीं हुआ है।