रिपोर्ट
घनश्याम तिवारी
संतकबीरनगर संदेश महल समाचार
नियमावली बनाने और उसकी धज्जियां उड़ाने में विकास विभाग और पंचायती राज विभाग का कोई सानी नहीं है। नियमों के तहत पहले तो विभागों ने 5 माह पूर्व उन सचिवों का गैर ब्लॉक स्थानांतरण किया जो तीन साल या उससे अधिक समय तक एक ब्लॉक में अपनी सेवा दे चुके थे, फिर आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के चांद घंटे पूर्व ही अधिकतर सचिवों को उनके पुराने कार्यक्षेत्र वाले ब्लॉकों पर ही तैनात करके अपनी ही नियमावली की धज्जियां उड़ा डाली।नाथनगर ब्लॉक में सेवानिवृति के मुहाने पर खड़े एडीओ पंचायत की रिक्त ग्राम पंचायतों के आवंटन को लेकर सक्रिय गतिविधियों पर सवाल खड़े होने लगे। हुआ यूं कि स्थानांतरण वाली सूची में नाथनगर ब्लॉक से अनिल सिंह और मो अफजल का भी नाम शामिल था। दोनो सचिवों के जाने के बाद इनके प्रभार वाली लगभग डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतें सचिव विहीन हो गईं। बताया जाता है कि दो सचिवों के जाने के बाद नाथनगर में भी दो नए सचिव की आमद हुई। जिनमे आनंद मोहन और अभिषेक रावत का नाम शामिल है। सूत्रों का कहना है कि विश्राम प्रसाद की सेवानिवृति के बाद आनंद मोहन प्रोन्नत होकर एडीओ पंचायत के रूप में नाथनगर का प्रभार ले सकते हैं। ऐसे में वर्तमान एडीओ पंचायत की सभी रिक्त डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतों का प्रभार एक ही सचिव को दिलाने के प्रयास की चर्चा ब्लॉक मुख्यालय से लेकर विकास भवन तक खूब चर्चा में रही। सूत्रों के दावों में यदि सच्चाई हुई तो जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के बराबर बराबर गांव के आवंटन के स्पष्ट आदेश की धज्जियां उड़ा दी जायेंगी। और जाते जाते साहब का भी झोला भारी हो जाएगा। इतना ही नहीं इन सभी ग्राम पंचायतों के वित्त के खाते की धनराशि पर भी खतरा बना रहेगा। सवाल यह ही कि विकास कार्यों में पारदर्शिता का दावा करने वाले जिला प्रशासन का आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान उनके ही अधिनस्थ कितना पालन करते नजर आएंगे? इस संबंध में पूछे जाने पर सीडीओ ने कहा कि मामले पर रिपोर्ट तलब की जाएगी। अगर आरोप सही मिले तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।