निष्काम लोग ही भगवान से प्रेम कर सकते हैं आचार्य धरणीधर

 

रिपोर्ट
विनोद कुमार दूबे
संतकबीरनगर संदेश महल समाचार

विकास खण्ड नाथनगर के अंतर्गत अजांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में अयोध्या जी से आए कथा प्रवक्ता आचार्य धरणीधर महाराज ने कहा माता कुंती ने द्वारिकाधीश कृष्ण से दुख मांगा।कहां मैं जहां कहीं भी रहूं मुझे निरंतर विपत्तियां प्राप्त होती रहे | कारण उन विपत्तियों में मुझे आपका दर्शन होता रहेगा

जिससे दु:ख में संसार सदा के लिए निवृत हो जाएगा ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए धरणीधर महाराज ने कहा ध्रुव ने भगवान की स्तुति की हे प्रभु समस्त शक्तियों को धारण करने वाले जिन भगवान ने मेरे अंतःकरण में प्रविष्ट होकर मेरी सुप्त सरस्वती को जागृत किया एवं कर चरण आदि अन्यान्य जड़ इंद्रियों को चेतन किया उन पुराण पुरुष भगवान को मैं सिर झुका कर प्रणाम करता हूं ।जो मनुष्य विषयों के लिए आपकी आराधना करते हैं वह बुद्धि ही नहीं उनको सच्चा सुख प्राप्त नहीं होता, मैत्रेय विदुर संवाद का वर्णन किया पुरंजनोपाख्यान की कथा सुनाई प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए सभी भक्तों ने वामन अवतार की कथा को श्रवण किया बहुत ही मनमोहक वामन भगवान के दिव्य झांकी का सभी भक्तों ने दर्शन किया इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य समान श्रीमती मालती देवी रमेश दुबे, विनोद दुबे, विकास दुबे, आशीष तिवारी,शिव सहाय त्रिपाठी, अर्जुन पाण्डेय, अखिलेश दुबे,अच्युतानंद पाण्डेय, आचार्य रामनारायण धर द्विवेदी,सनातन उपाध्याय, श्याम लाल, रामप्रकाश राजभर,बब्बु दुबे, अनंत दुबे, मिहीर दुबे,समीर दुबे,इन्द्रेश दुबे आदि लोग मौजूद रहे।

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