पांचवें चरण में जनपद बाराबंकी की सभी 6 सीटों पर कांटे की टक्कर

आशुतोष श्रीवास्तव

बाराबंकी संदेश महल समाचार
उत्तर प्रदेश मैं हो रहे विधानसभा चुनावों के पांचवें चरण में जनपद बाराबंकी की 6 सीटों पर कल मतदान होना है सभी सीटों पर कांटे की टक्कर है। विधानसभा क्षेत्र कुर्सी की अगर बात करें तो यह विधानसभा क्षेत्र दो ब्लॉक फतेहपुर व निंदूरा को जोड़कर बना हुआ है । इस विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के विधायक सा केंद्र वर्मा समाजवादी पार्टी के राकेश वर्मा कांग्रेश की उर्मिला पटेल व बहुजन समाज पार्टी की मीता गौतम अपनी किस्मत आजमा रही हैं। बाराबंकी जनपद की तरह यह विधानसभा भी समाजवादियों का गढ़ रहा है। पूर्व में इस क्षेत्र से स्वर्गीय हरदेव रावत समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल से चार बार चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। एक दो अंतराल के बाद पुनः फरीद अहमद कि दवाई जीत कर विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने। इस बार क्षेत्र के मतदाताओं की इच्छा है कि ऐसे आदमी को जिताया जाए जो जीत कर जाए मंत्री बने और क्षेत्र का भरपूर विकास हो। क्योंकि क्षेत्र के लोगों ने बेनी बाबू के कामकाज के तरीकों को देखा है। बेनी बाबू चाहे लखनऊ में रहे हो या फिर दिल्ली में बाराबंकी उनके दिल और दिमाग में बसता था। जब वह उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री बने बाराबंकी के गांव गली गलियारों तक डामर रोड बनी जिससे कनेक्टिविटी बढी, लोगो का जीवन सुगम हुआ। और जब वह 1996 में देश के संचार मंत्री बने तो कोई ऐसा गांव गिराव नहीं था जहां पर दूरसंचार केंद्र की स्थापना न कर आई हो। कुर्सी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राकेश वर्मा भी किसी मायने में कम नहीं है। मुलायम सरकार में जब वे कारागार मंत्री हुआ करते थे तो बाराबंकी को आदर्श कारागार का दर्जा दिलाने का काम इन्होंने किया । आज स्वर्गीय बेनी बाबू हम लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी उनके कार्यशैली का बखान करते हैं। क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि वर्ष 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायक जीतकर बाराबंकी से गए थे लेकिन योगी सरकार में किसी को राज्यमंत्री कैबिनेट मंत्री तो छोड़ दो किसी आयोग का अध्यक्ष तक नहीं बनाया गया। 5 साल यूं ही गुजर गए। जबकि वर्ष 2012 में जब फरीद अहमद की दवाई इस क्षेत्र के विधायक बने तो मंत्री भी बने और तहसील फतेहपुर मुख्यालय पर महिला पॉलिटेक्निक स्थापित करने का काम उन्होंने करवाया। जिसका शिलान्यास करने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं पहुंचे थे और मंच से श्री राकेश वर्मा का परिचय करवाया था उस समय किसी को क्या मालूम था की अखिलेश यादव के मन में क्या है शायद उन्होंने उसी समय राकेश वर्मा को यह क्षेत्र सौंपने का मन बना लिया था। क्षेत्र की यदि जातीय आंकड़े देखे जाएं तो इस क्षेत्र में मुस्लिम 21 प्रतिशत यादव 13% कुर्मी 12% ब्राह्मण 8% ठाकुर 7% कायस्थ 5% गौतम 10% रावत 15% सहित अन्य पिछड़ा वर्ग के 2% आबादी निवास करती है। आंकड़ों पर गौर करें तो तू इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 2 लाख 8 हजार 31 है। यदि हाल के राजनैतिक घटनाक्रम पर गौर करें तो इस क्षेत्र के पुराने समय समाजवादी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय लल्ला जी की पुत्रवधू श्रीमती राजलक्ष्मी वर्मा जो कि पूर्व विधायक हैं आज की तारीख में समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं इसी प्रकार लोग मिलते जा रहे हैं और राकेश वर्मा का काफिला बढ़ता जा रहा है तहसील फतेहपुर के बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र सिंह बल्लू यादवेंद्र प्रताप सिंह व ग्राम नंदना कला के 20 साल प्रधान रहे सूर्य प्रकाश सिंह बेनी बाबू के मित्र रहे मौलाना सिराज के पुत्र वह शिया डिग्री कॉलेज के छात्र नेता इरशाद अहमद सहित तमाम नामी-गिरामी लोगों ने राकेश वर्मा के चुनाव की कमान संभाल रखी है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा मेहनत तो बेनी बाबू की पुत्री श्रेया श्रेया वर्मा कर रही हैं और उनके मेहनत रंग भी ला रही है। आने वाले 10 मार्च को यदि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राकेश वर्मा इस क्षेत्र से विजय हासिल करते हैं तो इसका श्रेय श्रेया वर्मा को ही जाएगा इसमें कोई दो राय नहीं है। परिणाम कुछ भी हो लेकिन चुनावी परिदृश्य समाजवादी पार्टी के पक्ष में दिख रहा है।

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