पेराई सत्र प्रारंभ के एक माह बाद भी बजाज ग्रुप की मिलें नहीं हो सकी चालू

रिपोर्ट
उमेश बंसल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल कार्यालय

चीनी मिलों में पेराई सत्र प्रारंभ हुए करीब एक माह बीतने को है, लेकिन बजाज ग्रुप की गोला व पलिया मिलें अब तक नहीं चल पाई हैं। इससे छोटे और जरूरतमंद किसानों को मजबूरी में कोल्हू व क्रशर पर अपना गन्ना औने-पौने दामों पर बेचना पड़ रहा है। भाकियू (अंबावता गुट) ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन देकर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान दिलाने के साथ ही बंद चीनी मिलों को शीघ्र चालू कराने की मांग की है।

आंदोलन करते किसान

गोला चीनी मिल के चालू होने के बाद तीन दिसंबर 2021 को प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने बंद का दिया था, जिससे ट्रॉलियों, बैलगाड़ियों में लदा गन्ना मिल यार्ड की लाइनों में सूख रहा है। वहीं पर्चियां आने के बाद जिन किसानों ने खेतों में गन्ना छीला था, वह भी तौल बंद होने के कारण खेत में पड़ा सूख रहा है। इस समय पेड़ी गन्ना की आपूर्ति की जाती है, जिसकी आपूर्ति के बाद ही रबी फसलों की बुवाई हो सकेगी।भाकियू अंबावता गुट के जिलाध्यक्ष महादेव प्रसाद वर्मा ने बताया है कि बंद चीनी मिल के कारण बकाया भुगतान से कहीं अधिक आर्थिक क्षति वर्तमान में गन्ना आपूर्ति न होने से हो रही है, जिसकी भरपाई विशेष तौर पर गरीब किसानों के लिए असंभव है। उन्होंने कहा है कि ऐच्छिक किसानों की भावना पर बंद चीनी मिल को अतिशीघ्र चालू कराया जाए, जिससे गन्ना किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। चीनी मिल में पेराई बंद किए जाने से सबसे ज्यादा नुकसान छोटे गरीब किसानों को हो रहा है, जो मिल को गन्ना आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। इससे गेेहूं की बुवाई भी प्रभावित हो रही है, जबकि बुवाई का पीक समय चल रहा है।

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