पोलैंड की सीमा पर 240 भारतीय छात्रों के साथ बंकर में फंसा हर्षित

 

रिपोर्ट
विपिन बिहारी लाल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार

अनुराग और हर्षित यादव के यूक्रेन में फंसे होने की ख़बर से परिजन दहशत में हैं। मीडिया के जरिये यूक्रेन संकट की ख़बर मिलने के बाद से हर कोई बस दोनों के सकुशल घर लौटने की प्रार्थना कर रहा है। इसमें हर्षित 240 भारतीय छात्रों के साथ एक बंकर में छिपा हुआ है।
गांव मुर्तजाअली निवासी अरविंद यादव का पुत्र अरविंद यादव का पुत्र अनुराग यादव यूक्रेन की टरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का छात्र है, जबकि भतीजा हर्षित उनके बड़े भाई अहिवरन यादव का पुत्र है जो कि खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी का छात्र है। अरविंद यादव ने बताया कि पुत्र अनुराग यादव पोलैंड की सीमा पर है और सामान्य स्थिति में है, लेकिन भतीजा हर्षित यादव मुश्किल में है।
बताया कि हर्षित 240 भारतीय छात्रों के साथ बेसमेंट में छुपा हुआ है। हर्षित यादव का परिवार मुर्तजा अली नगर में रहता है। दोनों छात्रों के फंसे होने से परिजन जहां भयभीत हैं, वहीं गांव में भी मायूसी है।परिजन ने बताया कि अनुराग और हर्षित होली पर घर आने वाले थे। इसके लिए फ्लाइट के टिकट बुक कराए जाने थे, लेकिन उससे पहले ही यह ख़बर आ गई, जिससे दोनों युवकों के माता-पिता काफी परेशान हैं और खबर मिलने के बाद से उनकी नींद गायब है और उनकी भूख भी खत्म हो गई है। वह बस अपने घर के दोनों चिरागों की वतन वापसी चाहते हैं।पिता अरविंद यादव ने बताया कि अनुराग यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहा है, जबकि एक पुत्र और दो पुत्रियां यहीं पढ़ रही हैं। अरविंद ने बताया कि वह और उनकी पत्नी काफी परेशान हैं। परिवार को तनाव से बचाने के लिये खुद धैर्य धारण कर रखा है। नींद नहीं आ रही है और भूख भी गायब हो गई है। पूरा दिन बस टीवी पर ही निगाहें लगी रहती है कि शायद कोई अच्छी ख़बर आ जाए, जबकि अहिवरन यादव का पुत्र हर्षित यूक्रेन में है तो छोटा बेटा मथुरा में पढ़ाई कर रहा है। दो पुत्रियां विवाहित हैं और तीसरी बेटी पढ़ाई कर रही है।
अहिवरन का कहना है कि वह खेती और एक निजी स्कूल में पढ़ाकर बच्चों को शिक्षित करवा रहे हैं, लेकिन युद्ध ग्रस्त क्षेत्र में घर के दो होनहारों के फंसने से बेहद परेशान हैं। परिवार बच्चों की याद में रोने लगता है। ऐसे में बस सरकार से यही उम्मीद है कि सभी भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द घर लौटाने की व्यवस्था करे।आलोक के घर में भी छाई मायूसी, बस वीडियो कॉल से मिल रही तसल्ली सेमराजानीपुर निवासी शिक्षक संतोष सिंह के बेटे आलोक सिंह के घर शुक्रवार को भी मायूसी छाई रही। हालांकि, वीडियो कॉल से अपने बेटे का चेहरा देखकर घर वालों को तसल्ली है। लेकिन, बीतते वक्त के साथ उनका धैर्य भी टूटता जा रहा है।आलोक सिंह एक मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएम के छात्र हैं। वीडियो कॉल के जरिये उन्होंने अपनी सलामती की खबर दी है, लेकिन पास में बमबाजी हो रही है, जिससे परिजन परेशान हैं। पिता संतोष सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से जो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। उन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। बताया कि आलोक चार साल से वहां पढ़ाई कर रहा था और 28 नवंबर को यहां से गया था। 22 फरवरी को आलोक के घर लौटने के लिये हवाई जहाज की टिकट भी बुक हो गया था, लेकिन यूक्रेन संकट की वजह से वह नहीं आ सका। संतोष बताते हैं कि वह शिक्षामित्र हैं और उनकी 23 फरवरी को चुनाव में ड्यूटी लगी थी। बेटे ने ही फोन कर घटना की सूचना दी थी, जिसके बाद से उनके होश उड़े हुए हैं। किसी तरह उन्होंने मतदान का काम पूर्ण करवाया और फिर जब घर लौटे तो पत्नी किरन सिंह का रो-रोकर बुरा हाल था। बताया कि दो रात से वह सोये नहीं हैं।
संतोष सिंह ने बताया कि बेटे की सलामती और सकुशल लौटने के लिये उन्होंने मन्नत भी मांगी है।

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