मथुरा। कोसीकलां में प्रहलाद नगरी फालैन में धधकते अंगारों से निकलने की तैयारी के लिए मोनू पंडा बुधवार से एक माह की कड़ी तपस्या पर बैठ गए। इससे पूर्व पंडा ने ग्रामीणों के साथ गांव की परिक्रमा की। इस दौरान ग्रामीणों ने गुलाल उड़ाकर समाज गायन किया। पंडा ने होलिका स्थल का पूजन कर साधना को सफल बनाने की कामना की। होली पर धधकती होलिका से निकलने का कारनामा करने के लिए 30 वर्षीय मोनू पंडा एक माह की तपस्या पर बैठने के लिए सुबह ही मंदिर पर पहुंच गए। जहां ग्रामीण समाज गायन के साथ गांव की परिक्रमा के लिए लालायित थे। मोनू पंडा जैसे ही गांव की परिक्रमा के लिए निकले प्रह्लादजी के जयघोष से गांव फालैन गुंजायमन हो उठा।
परिक्रमा के बाद मंत्रोच्चारणों के मध्य होलिका दहन स्थल की पूजा-अर्चना की और इसके साथ ही मोनू पंडा एक माह की साधना पर बैठ गए। मोनू धधकती होली के बीच से निकलेंगे। इस क्षण के गवाह बनाने के लिए हजारों लोग फालैन गांव पहुंचेंगे। भक्त प्रह्लादजी जलती होलिका से बच निकले थे। उसी युग को साक्षात करने के लिए हर साल गांव फालैन का पंडा होली के धधकते अंगारों के बीच से गुजरते हैं। इससे पहले एक महीने तक साधना भी करेंगे। इसकी बुधवार से शुरूआत कर दी है।