रिपोर्ट
प्रताप सिंह
फिल्मी स्टोरी
संदेश महल समाचार
आप माने या न माने लेकिन प्रिवेडिंग शूट के बाद फिल्मी दुनिया से अब एक और भसड़ आपके परिवार मे आ चुकी है। इस भसड़ का नाम है। बेबी बम्प या प्री बेबी शूट का।
करीना और अनुष्का अपनी प्री बेबी शूट के कारण चर्चे मे थीं। इस बेबी शूट के उन्हें पैसे भी मिले। करीना को इंस्टाग्राम और अनुष्का को एक फिल्मी मैगजीन की तरफ से मोटी कमाई हुई। पर क्या उन्होंने ये फोटो शूट सिर्फ पैसों के लिए किया?
उत्तर है ……नही।
तो फिर?
इस तरह के फोटो शूट का उद्देश्य क्या है?
काले तिरपालों मे ढकी जिंदगियां तो ऐसे फोटोशूट की सोच भी नही सकती।
तो फिर टारगेट ऑडिएंस कौन है?
टारगेट….……हिन्दू लड़कियां।
सोचिए,जो हिंदू महिलाएं इसे शर्म और हया की वस्तु समझती थी,अपने उभरे पेट को साड़ी की पल्लू से ढक कर चलती थीं,अब इसकी खुलेआम नुमाइश सीख रही हैं। परिवारिक, समाजिक,आर्थिक दुष्प्रभावों को छोड़ भी दें तो …..?
इसका एक अलग पहलू और है।
एक साजिश है।
हिंदू बच्चे को पालने की लागत को बढ़ाने के लिए एक ठोस,व्यवस्थित प्रयास है।
There is a conspiracy.
There is a concerted, systematic attempt to inflate the cost of raising a hindu child.
आपके बच्चे सिजेरियन ऑपरेशन( ये भी एक बड़ा षड्यंत्र है जो सिर्फ हिन्दू गर्भवती का होना है ) से ही पैदा होंगे,पैदा होने के पहले फोटोशूट होगा,पैदा होने के बाद महंगे मॉर्डन स्कूलों में पढ़ेंगे। ऐसे मे एक औसत हिन्दू एक या बहुत से बहुत दो, इससे ज्यादा बच्चे की सोच भी नही सकता।
दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल से हर जचगी पर 6 हजार का अनुदान लेकर फौज खड़ी की जा रही है ऐसे मे अगले एक दो दशक के बाद कि स्तिथी सोचिए।
नही..??? अरे सोचिए, सोचने के पैसे नही लगते।