बरसाना की विश्वप्रसिद्ध लठामार होली का वर्गीकरण सोची समझी चाल,पदम फौजी

 

रिपोर्ट
प्रताप सिंह
मथुरा संदेश महल समाचार

बरसाना की विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली को लेकर पिछले कुछ दिनों से एक विवाद गहराया हुआ है। इसी विवाद के अंतर्गत विगत दिनों गोस्वामी समाज के कुछ लोगों ने स्थानीय व्यक्तियों के खिलाफ एक तहरीर दी थी और उनके द्वारा होली के कार्यक्रम का बहिष्कार किए जाने की धमकी भी दी गई थी। इसी परिपेक्ष में एक प्रेस वार्ता का आयोजन शहीद भगत सिंह क्रांति दल के संस्थापक और समाजसेवी पदम सिंह फौजी के द्वारा किया गया।

 

 

इस प्रेस वार्ता के माध्यम से समाजसेवी पदम सिंह फौजी ने गोस्वामी समाज के कुछ लोगों का नाम लेते हुए मेले की छवि को धूमिल करने का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष नंदगांव की लठामार होली के दौरान कुछ नामजद लोगों ने सोची समझी साजिश के तहत बरसाना के हुरियारों से मारपीट और गाली गलौज तथा अभद्रता की थी। यही लोग इस होली को केवल एक जाति विशेष की ही होली बनाना चाहते है।

 

विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक होली के वर्गीकरण विरोध में बैठक

जबकि द्वापर युग में भगवान कृष्ण अपने ग्वाल वालों को लेकर होली खेलने बरसाना आते थे जहां वृषभान दुलारी राधा रानी अपनी सखियों के साथ उनसे होली खेला करती थी। ना तो उस समय कोई जाती थी और ना ही उस समय कोई अन्य धर्म था और समानता का व्यवहार सभी लोगों के साथ था परंतु वर्तमान समय में राजनीति के चलते इस विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक होली का वर्गीकरण किया जा रहा है। जो कि पूरी तरह अनुचित है। इस संबंध में शहीद भगत सिंह क्रांति दल के संस्थापक पदम सिंह फौजी विस्तृत जानकारी से पत्रकारों को अवगत कराया।

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