बांस-बल्लियों के सहारे ग्रामीणों ने बना डाला हौसलों का पुल 25 गांवों का रास्ता हुआ सुगम

 

रिपोर्ट
जेपी रावत
सीतापुर संदेश महल समाचार

कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता,एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’ अर्थात्‌ किसी भी कार्य की सफलता की कोई भी ऐसी सीमा तय नहीं है,जिससे अधिक सफलता आप प्राप्त नहीं कर सकते या कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जिसके बारे में यह कहा जा रहा हो कि उसे सफलतापूर्वक नहीं किया जा सकता बस जरूरत है सफलता हेतु आप पूरी ताकत लगा कर पूरी तबीयत से अपना प्रयास करें। हर आसमाँ में छेद किया जा सकता है अगर आसमाँ की तरफ तबीयत से पत्थर फेंका जाए.कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’ अर्थात्‌ किसी भी कार्य की सफलता की कोई भी ऐसी सीमा तय नहीं है, जिससे अधिक सफलता आप प्राप्त नहीं कर सकते या कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जिसके बारे में यह कहा जा रहा हो कि उसे सफलतापूर्वक नहीं किया जा सकता बस जरूरत यह है कि उस कार्य की सफलता हेतु आप अपना सर्वस्व अर्पण कर दें, पूरी ताकत लगा कर पूरी तबीयत से अपना प्रयास करें।
आप अपने आसपास के समाज में एक नज़र घुमा कर देखेंगे तो आप इन पंक्तियों को अपने जीवन में चरितार्थ करते हुए अनेक लोगों को पाएँगे।बस कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। जरूरत है सिर्फ कदम बढ़ाने की। इसके बाद लक्ष्य तक पहुंचने में कोई बाधा रोक नहीं सकती। कुछ ऐसा ही जज्बा क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीणों ने कर दिखाया है। ग्रामीणों ने चौका नदी पर अपने हौसलों से बांस-बल्लियों का पुल बनाकर रास्ते में आने वाली दुश्वारियों को ठोकर मार दी है। इस पुल को बनने से करीब 25 गांवों के लोगों का आवागमन सुगम होगा। पुल के लिए ग्रामीणों ने जिम्मेदारों से कई बार गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई न होने के बाद उन्होंने खुद ही यह बीड़ा उठा लिया। सुमरावा गांव से चौका नदी की वजह से करीब 25 गांवों का आवागमन बाधित होता है।ग्रामीणों को अपने काम से बाजार,थाना, कोतवाली, बैंक, स्कूल, अस्पताल जाने में 20 किमी. का चक्कर काटकर जाना पड़ता है। यह समस्या हर किसी को अखर रही थी। इसके समाधान के लिए ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग उठाई। आखिरकार नेताओं, अधिकारियों की मनुहार करके थक चुके ग्रामीणों ने स्वयं ही यह बीड़ा उठाया। चंदा जुटाया, श्रमदान किया और बांस बल्लियों का अस्थायी पुल तैयार किया।
कुंज बिहारी निषाद,मलखे,उत्तम,बेचे लाल, राकेश कुमार,झब्बू,मेवा लाल महेश, अभिराम अवस्थी आदि ग्रामीणों ने बताया पुल न होने से परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब समस्या दूर हो जाएगी। क्षेत्र के सुमरावा, अदवारी, भकली, क्योटाना, ऊंचगांव सहित अन्य गांवों के निवासियों को पुल न बनने से अधिक दिक्कत होती थी। उन्हें ब्लॉक मुख्यालय से कराने वाले छोटे-छोटे काम में पूरा दिन लग जाता था। अब क्षेत्रवासियों को अपने मूलभूत काम करने के लिए 20 किलोमीटर का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। साथ ही समय की भी बचत होगी। सुनील वर्मा विधायक लहर पुर ने सुमरावा पुल का जायजा लिया है। ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए शासन को पत्र लिखकर स्थायी पुल निर्माण कराने के लिए प्रयास का आश्वासन दिया है।

error: Content is protected !!