रिपोर्ट
उमेश बंशल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार
आठ साल बाद बाढ़ ने एक बार फिर अपना रूद्र रूप दिखाया है।लगातार हो रही बारिश से नदियां उफनाई हुई हैं। भारी बारिश से नेपाल और उत्तराखंड का बुरा हाल है। लगातार दो दिन से हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
2013 के बाद बाढ़ के कहर सहम उठा क्षेत्र से
बनबसा बैराज से 5 लाख 18 हजार 484 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। डीएम डॉ. अरविंद चौरसिया ने बताया कि 2013 के बाद से पहली बार बनबसा बैराज से इतना पानी छोड़ा गया है। इससे पहले 2013 में बनबसा बैराज से पानी बहा था, जिसमें 181 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया था। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों के गांवों में मुनादी कर वहां से लोगों को हटाया जा रहा है। बिजुआ में बांध से तट बंध कट गया है, जबकि पलिया और गोला इलाके में सड़क पर पानी चलने लगा है। धौरहरा के ईसानगर क्षेत्र में रात दस बजे तक पानी पहुंचने की आशंका है।
शारदा नदी में आई बाढ़ से पलिया,निघासन, धौरहरा, गोला और सदर तहसीलें प्रभावित हुई हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुुए इन तहसीलों के एसडीएम को शारदा नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही राहत और बचाव की तैयारियां पहले से ही मुकम्मल करने को कहा गया था। बाढ़ का प्रकोप शुरू हो गया है। एक तरफ शारदा नदी ने कहर ढाना शुरू किया है तो दूसरी तरफ भारत नेपाल सीमा पर मोहाना, कर्णाली और सुहेली नदियां अपना रंग दिखा रही हैं। इससे प्रभावित क्षेत्रों के लोग दहशत में हैं।
बनबसा बैराज से शनिवार की शाम पांच बजे तक पांच लाख 18 हजार 484 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शारदा बैराज की डाउनस्ट्रीम से एक लाख 68 हजार 408 व घाघरा बैराज के डाउनस्ट्रीम से दो लाख 69 हजार 492 पानी छोड़ा गया है। ग्रामीण जलमग्न और निचले इलाकों में न जाएं।डीएम एसपी ने शारदा नगर स्थित सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण आटोमेशन प्लांट पहुंचे। जहां, उन्होंने मौके पर मौजूद अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड शारदा नगर, जेपी सिंह ने नदियों के जलस्तर व बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी की स्थिति जानी।डीएम-एसपी ने नदियों के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर तहसील सदर, धौराहरा, निघासन व पलिया के संभावित प्रभावित क्षेत्रों का सघन भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को हर स्थिति से निपटने हेतु तैयार रहने के स्पष्ट निर्देश दिए। कहा कि सभी एसडीएम अपने क्षेत्रों में दौरे पर रहकर संभावित बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों में सतत दृष्टि रखें। निचले इलाकों से लोगो को ऊंचे स्थानों, निकटवर्ती स्कूलों व बाढ़ राहत चौकियों में सुरक्षित पहुंचाएं। नदी व उसके 50 मीटर की परिधि में किसी को भी ना जाने दें। उन्होंने बताया कि नेपाल राष्ट्र में भारी बारिश हुई है, अगले 24 घंटे भी भारी बारिश की आशंका है, इसलिए सभी अधिकारी कर्मचारी अपनी कमर कस लें। बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य हेतु बनाई गई बाढ़ चौकियां तत्काल क्रियाशील करवाना सुनिश्चित करें