जेपी रावत
बाराबंकी संदेश महल समाचार
जनपद बाराबंकी अंतर्गत रामनगर ब्लॉक के गांव भिठौरा निवासी सचिवालय के सेवानिवृत्त अधिकारी कुशेन्द्र सिंह की पुत्री पूजा की शुरुआती शिक्षा लखनऊ में हुई। 2011 में उसका चयन इसरो में हुआ। 2012 में पूजा की शादी सीतापुर के निवासी साॅफ्टवेयर इंजीनियर गुरुचरण सिंह से हुई। वह भी बंगलूरू में तैनात हैं। पति-पत्नी वहीं रहकर देश सेवा में लगे हैं।
परिजनों ने बताया कि चंद्रयान की लैंडिग के समय निगहबानी करने वाली टीम में पूजा भी शामिल थी। चंद्रयान-3 की लैंडिंग होते ही पूजा के माता-पिता ने उसे बधाई दी। इस उपलब्धि से अभिभूत कुशेन्द्र सिंह व उनकी पत्नी ज्ञानमती बेटी को बधाई देने बंगलूरू पहुंचे। इसी प्रकार चंद्रयान-3 की हाई रिजोल्यूशन डेटा प्रोसेसिंग डिवीजन में मसौली ब्लॉक के बड़ागांव निवासी अब्दुल्लाह सुहैल भी शामिल रहे। अब्दुल्लाह अपने पिता सुहैल अयूब व माता नसरीन फातिमा के साथ लखनऊ में रहते हैं। इनके नाना मुजीब उद्दीन किदवाई साहब डिप्टी एक्साइज कमिश्नर थे। अब्दुल्लाह उन चुनिन्दा लोगों में शामिल थे जिन पर चंद्रयान-3 के लिए लैंडिंग स्थान का चयन करने की जिम्मेदारी थी।