रिपोर्ट–घनश्याम तिवारी
संतकबीरनगर संदेश महल समाचार
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने शासन के निर्देश के क्रम में अवगत कराया है कि किन्ही निजी पक्षकारों के मध्य अचल सम्पति के ऐसे प्रकरणों जिनमें वाद सक्षम न्यायालय में विचाराधीन है अथवा जिनमें न्यायालयों द्वारा अन्तरिम आदेश पारित किये गये हों, में प्रकीर्ण प्रार्थना पत्रों पर प्रशासनिक आदेश पारित न किये जाए और न ही प्रशासनिक आधार पर प्रकरणों में कोई हस्तक्षेप किया जाय। उन्होंने जनपद के समस्त सम्बंधि मजिस्ट्रेटों/अधिकारियों को उपरोक्त का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी सक्षम न्यायालय में वाद विचाराधीन न होने की दशा में यदि कानून व्यवस्था के आलोक में कहीं हस्तक्षेप करने की आवश्यकता पड़ रही हो तो उ0प्र0 राजस्व संहिता-2006, दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 एवं अन्य सम्बंधित संगत अधिनियमों, विनियमों आदि द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ही मर्यादित/संयमित हस्तक्षेप किया जाय।