मजहब की दीवारें तोड़ रुबीना खान से बनी रूबी अवस्थी रचाई शादी

जेपी रावत
बहराइच संदेश महल समाचार

अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह हमेशा से रूढ़िवादियों के निशाने पर रहे हैं। हाल के समय में ये कट्टरता और बढ़ गई है। भारत में जाति और धर्म से बाहर शादी टकराव का कारण बनती रही है।समाज में इन्हें लेकर बहुत कम स्वीकृति देखने को मिलती है। गांव कस्बे हों या शहर,आज नौजवान पीढ़ी अपने मनचाहे साथी के लिए जाति,धर्म और दूसरे सामाजिक बंधन तोड़ रही है। जरूरत पड़ने पर ऐसे प्रेमी जोड़े घर परिवार छोड़ कर भाग भी रहे हैं।जाति हो या धर्म हो या फिर रुतबा, सभी पारंपरिक बेडि़यों को तोड़ते हुए आज नौजवानों का प्यार परवान चढ़ रहा है। एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें एक युवती ने अपने प्रेमी को पाने के लिए मजहब के दीवार तोड़ दी। उसने धर्म परिवर्तन करते हुए रुबीना बेगम से अपना नाम रूबी अवस्थी रख लिया। इसके बाद अपने प्रेमी से शादी कर ली। प्रेमिका द्वारा उठाए गए इस कदम से जिले में चर्चा का माहौल बना हुआ है। विवाह के बाद प्रेमिका अपने प्रेमी से घर चली गई है।
जनपद बहराइच कोतवाली देहात अंतर्गत शिवपुरा गांव निवासी रुबीना बेगम (18) का प्रेम प्रसंग गांव निवासी शेष कुमार अवस्थी से चल रहा था। दो सप्ताह पूर्व रुबीना अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। पिता ने अपहरण का मुकदमा प्रेमी के विरुद्ध कोतवाली में दर्ज करवा दिया। इस दौरान प्रेमी और प्रेमिका मुंबई पहुंच गए। पुलिस ने दो समुदाय का मामला देख प्रेमी और प्रेमिका को मुंबई से बरामद कर लिया।इसके बाद सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर रुबीना ने वकील दिनेश सिंह जायसवाल के द्वारा धर्म परिवर्तन कर नाम रूबी अवस्थी रखने और प्रेमी से शादी करने की बात कही। युवती ने अपने घर जाने से इंकार कर दिया। जिस पर कोर्ट ने सारे दस्तावेज देखने के बाद रुबीना उर्फ रूबी को स्वतंत्र रहने का आदेश दिया।
अधिवक्ता दिनेश सिंह जायसवाल ने बताया कि कोर्ट के फैसले से दोनों खुश हैं। साथ ही परिवार अब हंसी खुशी रह रहे हैं। कोतवाली में दर्ज मुकदमा भी इसी आधार पर फाइनल हो जायेगा। कोर्ट के आदेश के बाद विवेचक अनुराग प्रताप सिंह ने रुबीना उर्फ रूबी के लड़के पक्ष को सौंप दिया।
शिवपुरा गांव निवासी रुबीना उर्फ रूबी के परिजनों ने शेष कुमार अवस्थी के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस से रुबीना के नाबालिक होने का पत्र भी दिया था। कोर्ट ने विद्यालय का अंकपत्र देखा तो उसमें रुबीना 18 वर्ष तीन माह 28 दिन की बालिग युवती निकली। जिस पर उसे लड़के पक्ष को सौंप दिया गया है।

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