रिपोर्ट- जेपी रावत/ बाराबंकी/ संदेश महल समाचार
सच कम झूठ ज्यादा, खेतों में हो रहा विकास का वादा
आरक्षण सूची अाने के बाद से गांव की गलियों चौराहों व खेतों में प्रधानी की ही चर्चा हो रही है। इस चर्चा में पुराने दिग्गज भी शामिल होते हैं और वहीं पर पूरी पंचायत की काउंटिंग शुरू कर देते हैं। आरक्षण से किसको कितना नुकसान होगा व किसको फायदा होगा, कौन प्रत्याशी मैदान में आ रहे हैं। चर्चा बनी है। वहीं कुछ प्रत्याशी चुनावी मैदान में कूद भी चुके हैं। जो लोगों से मिलकर उनसे विभिन्न वादे कर रहे हैं।
अभी हाल में आयी आरक्षण सूची आने के बाद गांवों में नये नये चेहरे दिखने लगे। कोई अपने आप को समाज सेवी बता रहा है तो कहीं काम कराने का लालच दे रहा है। इतना ही नहीं मतदातों को रिझाने के लिए प्रत्याशी गांव की गलियों में ही विकास का एजेंडा खोल रहे हैं। जिसमें सच कम झूठ ज्यादा होता है। जो कभी गांव में दिखे नहीं वह आज विकास की बात करते हुए मतदातों के घर तक पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को ग्राम पंचायत मुहिउद्दीनपुर के एक गांव निवासी सुरेश अपने खेत में मेंथा की रोपाई कर रहे थे। तभी एक सज्जन वहां पहुंचे और खुद को प्रधानी के चुनावी मैदान में उतरने की बात बताने लगे। भैय्या हम तुमसे मिलै वाले रहन, सोचेन की तुमसे सलाह लै लेई। अबकी बार प्रधानी मा खड़े होई रहे हन, तौ ध्यान राखेव। जो तुम कहिहव सब करब। खाय पियक कोई दिक्कत नही। बस ध्यान राखेव। कुछ यूं ही बताते हुए वहीं पर चुनावी मैदान में कूदे सज्जन ने पंचायत के विकास का एजेंडा खोल दिया। कहा भैय्या गांव की सब नारिया जो कच्ची है पक्की कराय देब, जहां जहां बिजली, पानी, सड़क कै जरूरत है सब पूरा कराइब। तुमसे हाथ जोड़ कै निवेदन है कि अबकी बार ध्यान दै देव। इतना कहते हुए प्रत्याशी जी आगे दूसरे खेत में काम कर रहे लोगों के पास चले गए।