मर्यादाओं की सरहदों को पार कर औकात की दहलीज पर आकर टिकी पत्रकारिता

जयप्रकाश रावत
संपादक
संदेश महल समाचार पत्र

बिना किसी डर या पक्षपात के” संदेश महल” पत्रकारिता के प्रति लगातार प्रतिबद्ध रहा है।
समाचार पत्र ने उन लोगों को नाराज़ किया है। जो चाहते हैं कि उनकी खबरें उनके तरीके से पेश की जाएं और कही जाएँ।यह संभव है,यदि पत्रकारिता के मापदंडों को समझते है तो समाचार पत्र को कोई गुरेज नहीं है।लेकिन मैं उन क्षण को इंगित कर सकता हूं जब मुझे एहसास हुआ कि ख़बरों पर विचार करना भी कितना विवादित हो सकता है। वर्तमान परिस्थितियों में इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते दबाव में देखने के बाद भी, मैं इस बात से आश्चर्यचकित हूं कि सामाजिक मानदंडों से खबरें अपने मूल स्वरूप से कितनी दूर पहुंच
गई। जो गतिशीलता पर एक चुनौती है। संपादक होने के नाते कुछ व्यक्तिगत अनुभव भी है,जो कि पत्रकारों की जिज्ञासाओं को मैं साझा नहीं कर सकता,कहीं कहीं देखने को मिला कि कुछ हदें मर्यादाओं की सरहदों को पार कर औकात की दहलीज पर आकर टिक जाती है। लेकिन एक सच यह भी है कि समंदर में कभी बाढ़ नहीं आती।जब भी उफनाई है तो नदियां ही। क्योंकि नदियों की आखिरी मंजिल समंदर तक ही है। कहने का आशय यह है कि पत्रकार में समंदर जैसी सहनशीलता होनी चाहिए। बशीर बद्र का एक शेर है कि –

अगर फुर्सत मिले तो पानी की तहरीरों को पढ़ लेना।
हर एक दरिया हजारों साल का अफसाना लिखता है।

गलत ख़बरों को बढ़ावा मिलने का खतरा गंभीरता की कमी है, पत्रकारों को मर्यादा में रहकर लिखने की पाबन्दी न होना,खबरों को सनसनीखेज बनाने की प्रवृत्ति का बढ़ना निजता का हनन होना आदि कुछ मुख्य कारण है,जिसकी वजह से इसकी उपयोगिता पर सवाल भी समय समय पर खड़े होते हैं।
पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य जनता को दुनिया के बारे में सटीक,समय पर जानकारी प्रदान करना है।पत्रकार अपने दर्शकों को उस बारे में रिपोर्ट करके सूचित करते हैं जो उनके लिए सबसे अधिक प्रासंगिक है।
पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है, जो संविधान में निहित स्वतंत्र अभिव्यक्ति के सिद्धांतों को कायम रखती है।पत्रकार नागरिकों को सरकारी नीतियों,राजनीतिक विकास और सामाजिक मुद्दों के बारे में सूचित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। निष्पक्ष रिपोर्टिंग और खोजी पत्रकारिता के माध्यम से वे निगरानीकर्ता के रूप में काम करते हैं। पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं और सत्ता में बैठे लोगों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाते हैं।जनता तक सूचना और ज्ञान का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों से लेकर स्थानीय नागरिकों को उन घटनाओं के बारे में सूचित रखती है जो उनके जीवन को प्रभावित करती हैं। वस्तुनिष्ठ रिपोर्टिंग,विश्लेषण और गहन कवरेज के माध्यम से,पत्रकार जनता को सुविज्ञ निर्णय लेने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाते हैं।पत्रकारिता में सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों की वकालत करने की एक मजबूत परंपरा रही है। पत्रकार अक्सर सामाजिक असमानताओं और अन्यायों को उजागर करते हुए,हाशिए पर मौजूद समुदायों की दुर्दशा को उजागर करते हैं। उनकी रिपोर्टें गरीबी,लैंगिक असमानता,जाति-आधारित भेदभाव और पर्यावरण संबंधी चिंताओं जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं, सकारात्मक बदलाव और समावेशी विकास पर जोर देती हैं।भाषाओं और परंपराओं की समृद्ध विविधता वाला एक विविध राष्ट्र है। पत्रकारिता राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देते हुए इस विविधता का जश्न मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, क्षेत्रीय उपलब्धियों और मानव-रुचि की कहानियों को उजागर करके, पत्रकारिता राष्ट्र के ताने-बाने को मजबूत करती है, आपसी समझ और सहिष्णुता को बढ़ावा देती है।खोजी पत्रकारिता का भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है, यह भ्रष्टाचार को उजागर करती है, घोटालों को उजागर करती है और छिपी हुई सच्चाइयों को उजागर करती है। खोजी पत्रकार सार्वजनिक चर्चा और नीतिगत निर्णयों को आकार देने वाले तथ्यों को सामने लाने के लिए,अक्सर बड़े व्यक्तिगत जोखिम निडर होकर जटिल मुद्दों पर गहराई से विचार करते हैं।
व्यवसाय और वित्तीय पत्रकारिता भारत की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आर्थिक रुझानों, बाज़ार विश्लेषणों और कॉर्पोरेट विकास पर रिपोर्टिंग करके,पत्रकार निवेशकों,उद्यमियों और नीति निर्माताओं को सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त,वित्तीय पत्रकारिता व्यवसाय जगत में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देती है।पत्रकारिता के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। यह सत्य के प्रतीक के रूप में कार्य करता है, लोकतंत्र को कायम रखता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है। अपनी जानकारीपूर्ण और खोजी भूमिका के माध्यम से, पत्रकारिता नागरिकों को सशक्त बनाती है, सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है और जवाबदेही की वकालत करती है। जैसे-जैसे भारतीय मीडिया परिदृश्य विकसित हो रहा है, नैतिक पत्रकारिता के सिद्धांतों का समर्थन करना और उन्हें बनाए रखना महत्वपूर्ण है,यह सुनिश्चित करते हुए कि यह संस्थान आगे बढ़ता रहे और ईमानदारी समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करता रहे।

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