महान क्रांतिकारी थे चहलारी नरेश बलभद्र सिंह रैकवार -दीपक सरल

 

रिपोर्ट
राजेश प्रताप सिंह
बाराबंकी संदेश महल समाचार

चहलारी नरेश बलभद्र सिंह रैकवार के बलिदान दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन डी पी शुक्ला स्मारक शिक्षा निकेतन के प्रबंधक अशोक कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में रहटा रानीगंज में किया गया।सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने चहलारी नरेश के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।कार्यक्रम में बोलते हुए लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने कहा कि देश राजा बलभद्र सिंह के बलिदान को सदियों तक याद रखेगा।भाकियू भदौरिया के प्रदेश मुख्य संगठन मंत्री ध्रुव कुमार सिंह ने कहा राजा बलभद्र सिंह ने बलिदान देकर रैकवार वंस की आन को इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया है जिसे लोग सदियों तक याद रखेंगे।ग्राम पंचायत सदस्य संघ जिला बाराबंकी संरक्षक विद्यासागर पांडे ने कहा क्षत्रिय समाज के लोग सदा से समाज के लिए कुर्बानी देते रहे हैं इतिहास में जिसकी गवाही दर्ज है राजा बलभद्र एक साहसी योद्धा थे।ग्राम पंचायत सदस्य संघ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जयनरायान पटवा ने कहा जिन वीर सपूतों ने देश के लिए लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हुए ऐसे सपूतों के दम पर आज देश सुरक्षित है।अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने कहा राजा बलभद्र जैसे अनेकों बलिदानियों की शहादत से आज देश आज़ाद है।पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य संघ के प्रदेश प्रभारी सौरभ कुमार सिंह रैकवार ने कहा राजधानी लखनऊ के बादशाह वाजिद अली की बेगम के आवाहन पर बाराबंकी की पावन धरा पर लड़ते लड़ते बलिदान हो गए थे चहलारी नरेश जो एक वीर योद्धा थे।भाकियू भदौरिया के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपक सिंह सरल ने कहा एक महान क्रांतिकारी थे बलभद्र सिंह रैकवार जो कि चहलारी स्टेट बहराइच के राजा थे बरतानिया शासन के खिलाफ वाजिद अली शाह की बेगम ने बाराबंकी के महादेवा में श्री राम चबूतरे पर नरेश के समक्ष अंग्रेजो से युद्ध का प्रस्ताव रखा जिसे राजा बलभद्र ने कुबूल कर लिया और बहराइच से सेना लेकर बाराबंकी में अग्रेजों से जा भिड़े युद्ध अपने सबाब पर था अंग्रेजो की तोपों के आगे बलभद्र की सेना बहुत छोटी थी कुछ लोगों ने तो मैदान छोड़ दिया परन्तु कुछ विश्वास पात्र सैनिकों के साथ बलभद्र लड़ते रहे अंत में उनका सर धड़ से अलग हो गया फिर भी अकेला धड़ ही लड़ता रहा।ऐसे महान क्रांतिकारी थे चाहलारी नरेश जिनकी शहादात पूज्यनीय है।अशोक कुमार शुक्ला ने कहा इतिहास कुर्बानी देने वालों का लिखा जाता है भगोड़ों का नहीं बलबद्र की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी हमें आवश्यकता पड़ने पर देश के लिए तैयार रहना चाहिए जिससे देश सुरक्षित रहे।इस अवसर पर दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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