मैनपुरी में प्रेमी और भाई के साथ मिलकर की थी पति की हत्या

रिपोर्ट
मोहम्मद आसिफ
मैनपुरी संदेश महल समाचार

गांव वरिहार में छत पर सो रहे व्यक्ति की हत्या के बाद पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे थे। कई अपुष्ट खबरों के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि हो सकता है कि मृतक की हत्या में उसकी पत्नी का ही हाथ हो सकता है। पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने गहनता के साथ जांच की जिसका परिणाम जल्दी ही सामने आगया।
शुक्रवार को थाने पर आये एसडीएम रामसकल मौर्य के समक्ष सीओ अमरबहादुर ने पत्रकार वार्ता कर सारे रहस्यों से पर्दा उठाते हुये बताया कि 23 फरवरी को मिले मृतक मोतीराम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया था कि मृतक की मृत्यु गला दबाने से हुई थी। इसके बाद ही पुलिस अपने काम में लग गई। पुलिस ने मुखबिरो का जाल बिछाया और जटपुरा चौराहे से मृतक मोतीराम पुत्र महेश्वर सिंह निवासी वरिहार की पत्नी प्रीती उर्फ भूरी को हिरासत में लेलिया। पुलिस की पूछताछ के दौरान भूरी ने अपने जुर्म का इकबाल करते हुये बताया कि उसकी शादी मोतीराम के साथ 2006 में हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी पति के साथ अनबन रहती थी। मृतक के परिजनों को उसका मोवाइल पर घंटों बात करना अच्छा नहीं लगता था। एक बार मोतीराम ने भूरी के हाथों से मोवाइल लेकर तोड भी दिया था। जिसकी शिकायत भूरी ने अपने छोटे भाई हेमसिंह उर्फ हेमा पुत्र रामरतन निवासी गांव मुर्चा,थाना ऊसराहार जनपद इटावा तथा अपने प्रेमी सचिन पुत्र धर्मपाल निवासी वरिहार से की थी। इसपर हेमा ने मोतीराम को इसी वर्ष होली आने से पूर्व ही जान से मारडालने की धमकी दी थी। उक्त घटना के बाद भूरी तथा उसके भाई हेमा और प्रेमी सचिन ने मोतीराम को जान से मार देने की खतरनाक योजना बना डाली। घटना को अंजाम देने के लिये भूरी ने उस दिन मट्ठे के आलू की सब्जी बनाई और सचिन को भेजकर बाजार से नींद की गोलियां मंगबालीं। भूरी ने सारी गोलियां सब्जी में डाल कर अपने पति मोतीराम,सास,ससुर बटेश्वर सिंह,तथा अपने दोनों बच्चों निशा व गौतम को खिलादीं। इसके बाद वह अपने पति को लेकर छत पर बनी झोपडी में लेगई। मोतीराम के गहरी नींद में सोते ही अपने मोवाइल से प्रेमी सचिन तथा भाई हेमसिंह को रात अमें ही बुला लिया। तीनों ने मिलकर एक रस्सी मोतीराम के गले में डाली और उसी से उसका गला घोंट दिया। प्रीती ने प्रेमी को पाने के लिये योजना और बहाना तो सोच समझ कर बनाया पर पुलिस अधीक्षक अविनास पाण्डेय,एएसपी मघुवन कुमार,सीओ अमरबहादुर तथा इंस्पेक्टर अजीतसिंह के रहते यह सम्भव न हो सका। चार दिनों के अन्दर ही पुलिस ने हत्या के रहस्य से पर्दा उठा कर पति हंता पत्नी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इंस्पेक्टर अजीत सिंह का कहना है कि वह जल्दी ही प्रीती के भाई और प्रेमी को भी पकड कर उसके अंजाम तक पहुंचा देंगेेे।

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