लोधेश्वर महादेवा महोत्सव के अगहनी मेला को लगता नजर आ रहा ग्रहण

रामकुमार मौर्य
बाराबंकी संदेश महल समाचार

लोधेश्वर महादेवा के अगहनी मेले का समय बिल्कुल नजदीक आ गया है। लेकिन अभी शासन प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई और न ही इस संबंध में कोई बैठक ही हुई है ।जब से भाजपा का शासन हुआ है तभी से लोधेश्वर महादेवा महोत्सव पर ग्रहण लग गए हैं। उधर महामारी के चलते 2 वर्ष मेला नहीं हुआ। आज सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है ।फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इस मेले के आयोजन से मुकर रहे हैं ।जबकि देवा, हेतमापुर जैसे स्थानों पर समय पर मेला कार्यक्रम संपन्न हुआ है। इसके अलावा कई स्थानों पर आज भी महोत्सव चल रहे हैं। लेकिन महादेवा मेला आयोजन करने में अधिकारी क्यों घबरा रहे हैं। लोधेश्वर महादेवा का अगहनी मेला सबसे बड़ा महत्वपूर्ण मेलाहै। क्योंकि इसी मास में चतुर्दशी को भगवान शिव जी प्रकट हुए थे ।तभी से हर वर्ष इस माह में यहां पर बहुत बड़ा मेला होता चला रहा है ।इस मेले के अध्यक्ष जिलाधिकारी व सचिव उप जिला अधिकारी तहसील रामनगर है इन दोनों अधिकारियों की देखरेख में मेला संपन्न होता है। मेले का उद्घाटन जिला अधिकारी बाराबंकी के कर कमलों से होता है ।भाजपा सरकार के पहले सपा व बसपा के कार्यकाल में यहां पर अनेक कार्यक्रम हुए। जिनकी सराहना आज भीलोग कर रहे हैं। लेकिन भाजपा शासनकाल में यह मेला बिल्कुल समाप्त हो गया। केवल फागुन माह में ही एक मेला ऐसा है जो कांवरियों के नाम होता है। वह बहुत बड़ा मेला है। इस मेले को शासन-प्रशासन चाहते हुए भी कभी नहीं रोक पाएंगे ।क्योंकि कांवरियों के मेले में दूरदराज से लाखों की संख्या मे कांवरिया शिव भक्त कांवर को लेकर भगवान शिव जी की नगरी में आकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं ।
वैसे भगवान शिवकी कृपा और आस्था के आगे कोई कुछ भी नहीं कर पाता है। अगर भगवान शिव की कृपा हुई तो यह मेला अवश्य होगा तथा इस मेले के आयोजन में जो भी बाधा डालता है ।भगवान शिवजी उसे कभी माफ नहीं करते हैं ।इसके पहले यहां पर अनेक अधिकारी, नेता आए और जब तक भगवान शिव की उन पर कृपा रही तब तक ही उनकी शान शौकत बनी रही और जिस दिन भगवान शिव ने अपना हाथ उनके सर से हटा लिया उसी दिन से बर्बादी के दिन शुरू हो गए। ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं ।क्षेत्र के लोगों का कहना है की इस मेले में जो भी बाधा उत्पन्न किया वह व्यक्ति अवश्य परेशान रहा। जबकि यहां पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व शासन के अनेक नेता समय-समय पर आकर भगवान शिव जी की पूजा अर्चना वह दर्शन कर चुके हैं। लेकिन हर वर्ष होने वाले अगहनीमेला कैसे भूल गए हैं। अगर किसी गलती बस भूल हुई है तो भगवान शिव जी उन्हें माफ कर सकते हैं ।लेकिन जानबूझकर गलती करने वाले व्यक्ति को कभी माफी नहीं मिलेगी।

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