शिवालयों पर दिन भर रहा पुलिस का पहरा गेट पर मांथा टेककर वापस हुए श्रद्धालु

 

रिपोर्ट
उमेश बंशल
लखीमपुर-खीरी संदेश महल समाचार

सावन के पहले सोमवार को जिन मंदिरों में काफी भीड़ रहती थी,सूने नजर आए। जिले के सभी प्राचीन मंदिरों के कपाट सुबह ही बंद कर दिए गए थे। जलाभिषेक करने के लिए मंदिर आने वाले श्रद्घालुओं को गेट के बाहर से ही लौटना पड़ा। कुछ श्रद्घालुओं ने मंदिर गेट पर ही जल, दूूध, बेलपत्र और फूल आदि चढ़ाकर संतोष कर लिया। मंदिरों में भीड़ न जुटने पाए इसके लिए प्रशासन ने सभी मंदिरों पर पुलिस का पहरा बैठा रखा था।
प्राचीनतम भुइफोरवानाथ मंदिर में सन्नाटा रहा। मंदिर के कपाट ही नहीं बाहरी गेट भी पूरी तरह बंद था।श्रद्घालुओं के आने का तांता लग गया था, लेकिन गेट बंद देखकर उन्हें मायूस लौटना पड़ा। कुछ श्रद्घालुओं ने गेट पर दूध जल, बेलपत्र और फूल, अक्षत आदि अर्पित कर संतोष कर लिया। मंदिर के महंत ने बताया कि श्रद्घालुओं की पूजा अर्चना और दर्शन न कर पाने की मायूसी देखकर बहुत दुख होता है।
प्राचीन जंगली नाथ मंदिर में भी दिन भर सन्नाटा रहा।मंदिर के कपाट बंद रहेंगे ऐसा पहले ही एलान कर दिया गया था फिर भी बड़ी संख्या में श्रद्घालु मंदिर पहुंचे, बैरंग होना पड़ा। महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खुले रहे जहां सीमित संख्या में श्रद्घालुओं ने पहुंच कर पूजा अर्चना की।
प्राचीन लिलौटी नाथ मंदिर में भी इस बार मेला नहीं लगा। थोड़ी-थोड़ी संख्या में श्रद्घालुओं ने मंदिर जाकर पूजा अर्चना की।
बांकेश्वर महादेव मंदिर में बम भले का जयघोष गूंजता रहा। मेढक मंदिर में ताले डाल दिए गए थे।प्रसिद्ध नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ लगने लगी, लेकिन मंदिर के पुजारी शांति तिवारी ने सुबह पांच बजे पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए। लोग मंदिरों के बाहर से ही भगवान से प्रार्थना कर लौट गए।
बाबा टेढ़े नाथ धाम का द्वार सोमवार को बंद रहा, जिससे श्रद्धालुओं को बिना दर्शन किए ही लौटना पड़ा। दर्शन की अभिलाषा लेकर शाहजहांपुर से परिवार सहित आए पवन कुमार मिश्र, लखीमपुर से आए उमेश शुक्ला आदि शिव भक्तों को टेढ़े नाथ बाबा मंदिर के द्वार पर मत्था टेक कर वापस लौटना पड़ा।

error: Content is protected !!