प्रदीप कुमार पाण्डेय
पिसावा सीतापुर संदेश महल
“बदहाली पर आंसू बहा रही पिसावा की बजबजाती नालियां” नामक शीर्षक के साथ प्रमुखता सेे संदेश महल समाचार पत्र ने खबर प्रकाशित किया था। दूसरे दिन ही प्रशासन हरकत में आया और पिसावा की नालियों की सफाई आनन फानन में शुरू हो गई।

गौरतलब हो कि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी यहां स्वच्छता अभियान की किरण तक नहीं पहुंच सकी थी। नालियां बजबजा रही हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। कहने को तो सफाई कर्मी की तैनाती है, परंतु उनके दर्शन नहीं होते।जिम्मेदार नागरिक वह भी इस दिशा में किसी प्रकार की जागरूकता नहीं दिखा रहे हैं।सफाई व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। पिसावा में घुसने से पहले ही सड़क के किनारे कूड़ें-करकटों के ढेरों को देखा जा सकता है।मार्ग के किनारे बनी नालियां बजबजा रही है। पानी निकालने के लिए रास्ता नहीं है एक भी बार नालियों की सफाई नही होती है। इससे जाम रहती हैं। फिलहाल खबर प्रकाशित होते ही साफ़ सफाई का कार्य शुरू हो गया है।